यूपी के मिल्कीपुर विधानसभा उप चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का विवादित बयान सामने आया है। अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को लेकर बड़ा बयान दे दिया है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के संदर्भ में लगे आरोपों पर कहा कि यह बीजेपी का चुनाव लड़ने का तरीका है। चुनाव आयोग मर गया है। हमें उन्हें सफेद कपड़ा भेंट करना होगा।उनके इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं के भी ताबड़तोड़ जवाब आने लगे हैं। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक कहते हैं ” मीठा मीठा गप और कड़वा थू। जब नतीजे उनके पक्ष में होते है तो चुनाव आयोग अच्छा हो जाता है। मिल्कीपुर हारने के डर से अखिलेश जी आरोप लगा रहे हैं।
क्या लगाया आरोप?
अखिलेश यादव ने मिल्कीपुर उपचुनाव के दौरान पुलिस की भूमिका को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि पुलिस द्वारा मतदाताओं के पहचान पत्र की जांच की जा रही थी, जो लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से मतदाताओं में डर पैदा किया जा रहा था, जिससे चुनाव परिणामों पर अप्रत्यक्ष रूप से असर पड़ रहा था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी इस कार्य में शामिल थे और यह एक लोकतांत्रिक अपराध है।
#WATCH | On allegations surrounding Milkipur Assembly by-elections in Uttar Pradesh, SP chief Akhilesh Yadav says, “This is the manner in which BJP contests elections. Election Commission is dead. We will have to gift them white cloth.” pic.twitter.com/3nngG29eHd
— ANI (@ANI) February 6, 2025
सपा उम्मीदवार ने भी लगाए थे धांधली के आरोप
इससे पहले, मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अजीत प्रसाद ने मतदान प्रक्रिया के बारे में ANI से बात की और कुछ तत्वों द्वारा कथित हस्तक्षेप का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया, ‘मत समाजवादी पार्टी के पक्ष में हैं, लेकिन कुछ शरारती तत्व मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। यहां की पुलिस भी मतदाताओं पर समाजवादी पार्टी को वोट न देने का दबाव बना रही है, लेकिन मिल्कीपुर के लोग केवल हमारे लिए वोट कर रहे हैं।’
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बीजेपी के नेताओं ने किया पलटवार
अखिलेश यादव के बयान पर भाजपा नेताओं के पलटवार सामने आ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस मामले पर कहा कि अखिलेश जी इतने पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं और इस तरह का भाषा के इस्तेमाल करते हैं यह सोच ही गलत है। चुनाव आयोग की बदौलत ही आप इतनी बड़ी पार्टी के नेता बन कर सदन में बैठे हैं, आपने पहले क्यों नहीं सवाल उठाया चुनाव आयोग पर। आज अगर इतनी तकलीफ है तो अपने विधायक और सांसदों को बोलिए ना इस्तीफा देने के लिए जिस तरह का भाषा के इस्तेमाल कर रहे हैं यह पढ़े लिखे लोगों को शोभा नहीं देता है।
पत्नी डिम्पल यादव उतरी बचाव में
अखिलेश के इस बयान पर एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाए और माफी की मांग की तो वहीं मैनपुरी से सांसद और अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव ने उनका बचाव किया। मैनपुरी सांसद ने कहा कि चुनाव आयोग ने आंखें मूंद ली हैं। इसलिए प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। जिस तरह से मिल्कीपुर में कल चुनाव हुआ और कई शिकायत की गईं लेकिन आयोग आंखें मूंद कर बैठा रहा। फर्जी वोटिंग कराई गई और बूथ कैप्चरिंग हुई। जिनके विजुअल्स और रिकॉर्डिंग्स है। उसरके बाद भी अगर चुनाव आयोग कुछ नहीं कर रहा है तो सवाल उठेंगे ही।
बड़ा सवाल : क्या अखिलेश को सता रहा है हार का डर?
दरअसल अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी का विस्तार करने में लगे थे। इसीलिए PDA वाला सोशल इंजीनियरिंग का फ़ॉर्मूला आया था। पर नौबत तो अब बेस वोट बचाने की आ गई है। बात दें कि उनकी सारी उम्मीदें मिल्कीपुर के उपचुनाव पर टिकी थीं लेकिन अब वोटिंग के बाद जो रिपोर्ट आ रही हैं उससे समाजवादी पार्टी कैंप में निराशा है।
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