प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से पूछा, ट्रंप के साथ दोस्ती फिर क्यों भारतीयों को डिपोर्ट होने दिया?

अमेरिका द्वारा 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को भारत डिपोर्ट किए जाने के बाद इस मामले को लेकर देश में सियासत गरमाई हुई है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी को घेरते हुए यह सवाल उठाया कि जब मोदी जी और ट्रंप के रिश्ते इतने अच्छे हैं, तो फिर पीएम मोदी ने यह कैसे होने दिया? प्रियंका का सवाल सीधा था: क्या ऐसा व्यवहार किसी इंसान के साथ किया जाता है? क्या हम अपने नागरिकों को लाने के लिए खुद जहाज नहीं भेज सकते थे?

अमेरिका ने किया भारतीय प्रवासियों का डिपोर्ट

अमेरिका ने अपनी सख्त नीतियों के तहत अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट करना शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने अवैध प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई करने का ऐलान किया था, और अब इसी के तहत 104 भारतीय नागरिकों को सी-17 आर्मी विमान से भारत भेज दिया गया है। इन 104 प्रवासियों को 40 घंटे की यात्रा के बाद अमृतसर के एयरपोर्ट पर उतारा गया। इन प्रवासियों में से कुछ का कहना है कि यात्रा के दौरान उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया।
हरविंदर सिंह नामक एक प्रवासी ने बताया कि उन्हें और अन्य प्रवासियों को 40 घंटों तक विमान में बांधकर रखा गया। इसके बाद अब कांग्रेस ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।

प्रियंका गांधी ने पूछा, पीएम मोदी ने क्यों चुप्पी साधी?

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस मामले को लेकर सवाल उठाए हैं। प्रियंका ने कहा, “पीएम मोदी और ट्रंप के रिश्ते तो बहुत अच्छे हैं, फिर मोदी जी ने ये क्यों होने दिया?” प्रियंका ने पूछा, “क्या हम अपने नागरिकों को लाने के लिए कोई उपाय नहीं कर सकते थे? क्या किसी इंसान के साथ इस तरह का बर्ताव करना सही है?” प्रियंका गांधी ने कहा कि यह सिर्फ विदेश मंत्री एस जयशंकर ही नहीं, बल्कि पीएम मोदी को इस पर जवाब देना चाहिए। प्रियंका ने आरोप लगाया कि यह मामला पूरी तरह से मानवीय दृष्टिकोण से गलत है और केंद्र सरकार को इससे जुड़ी सारी बातें जनता के सामने रखनी चाहिए।

एस जयशंकर का जवाब

इस मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में जवाब दिया और कहा कि भारत अमेरिकी सरकार से बातचीत कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी भारतीय नागरिक के साथ दुर्व्यवहार न हो। उन्होंने कहा कि यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेशों में अवैध रूप से रह रहे हों तो उन्हें वापस लिया जाए। एस जयशंकर ने यह भी कहा कि अवैध प्रवासियों को वापस भेजने का यह एक सामान्य प्रक्रिया है।

 

डिपोर्ट किए गए प्रवासियों की दुखभरी कहानियाँ

जो 104 भारतीय नागरिक अमेरिका से डिपोर्ट किए गए, उनकी कहानियाँ भी दिल को छूने वाली हैं। ज्यादातर प्रवासी कर्ज लेकर, जमीन बेच कर और लंबी यात्रा करके अमेरिका पहुंचे थे, लेकिन अब वे अपनी उम्मीदों के साथ वापस लौट रहे हैं। इन प्रवासियों ने नदियाँ पार कीं, कई किलोमीटर पैदल यात्रा की और तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए अमेरिका पहुंचे थे। लेकिन अब उनकी ये उम्मीदें चूर हो चुकी हैं और वे वापस भारत लौटने को मजबूर हैं।यहां तक कि कुछ प्रवासियों का कहना है कि अमेरिका में अवैध रूप से रहने के दौरान उन्हें काफी कष्ट सहने पड़े और अब डिपोर्टेशन के दौरान भी उनका मानसिक और शारीरिक शोषण किया गया।

क्या मोदी और ट्रंप की दोस्ती का कुछ असर हुआ?

ट्रंप ने पहले ही कहा था कि वह अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई करेंगे, और अब उन्होंने इसे सख्ती से लागू किया है। ऐसा माना जा रहा था कि पीएम मोदी और ट्रंप के रिश्ते अच्छे हैं, तो भारतीय नागरिकों के मामले में अमेरिका से कुछ रियायत मिल सकती है। लेकिन अब जब ये मामले सामने आ रहे हैं, तो सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पीएम मोदी ने इस मामले पर क्यों चुप्पी साध रखी है?

ट्रंप से बात कर चुके हैं मोदी

यह भी बताया जा रहा है कि ट्रंप और पीएम मोदी के बीच इस मुद्दे पर बात हो चुकी थी। ट्रंप ने कहा था कि भारत वही करेगा जो सही होगा। इसके बावजूद, प्रियंका गांधी जैसे विपक्षी नेता सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह वाकई सही था कि भारतीय नागरिकों को ऐसे दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा?

विपक्ष ने केंद्र सरकार को शुरू कर दिया है घेरना

इस मामले में विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है, और यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करेगी। अब देखना यह होगा कि पीएम मोदी इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या भारत सरकार भविष्य में ऐसे मामलों के लिए कोई कदम उठाएगी। अमेरिका और भारत के बीच यह विवाद केवल एक शुरुआत हो सकता है, क्योंकि अवैध प्रवासियों का मामला दोनों देशों के रिश्तों पर असर डाल सकता है।

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