kailash mansarovar yatra 2025: कैलाश मानसरोवर यात्रा, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक अहम धार्मिक यात्रा होती है, अब फिर से शुरू होने जा रही है। ये यात्रा 2019 से रुक गई थी, लेकिन अब भारत और चीन के बीच समझौते के बाद ये यात्रा फिर से शुरू होने वाली है। तो चलिए आपके बताते हैं इस यात्रा से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी, जो आपको जानना जरूरी हैं।
कब शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा ?
कैलाश मानसरोवर यात्रा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से शुरू होती है। 2019 से बंद इस यात्रा को फिर से चालू करने के लिए सरकार ने काम शुरू कर दिया है। इस बार यात्रा के लिए पहली बार भारतीयों का जत्था जून के पहले हफ्ते में रवाना हो सकता है।
पिछले कुछ सालों में चीन के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव के कारण ये यात्रा रुक गई थी। लेकिन अब इस यात्रा को फिर से बहाल करने का फैसला लिया गया है। इस बार यात्रा में कुछ बदलाव किए गए हैं, जैसे पहले यात्रा पिथौरागढ़ से होती थी, लेकिन अब इसका पहला पड़ाव टनकपुर में होगा, जो दिल्ली से करीब 330 किलोमीटर दूर है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के रूट में हुआ बदलाव
इस बार दिल्ली से यात्रा के शुरू होते ही गाड़ियों का उपयोग किया जाएगा। पहले यात्रा के लिए यात्रियों को पैदल या बस से कुछ लंबा रास्ता तय करना पड़ता था, लेकिन अब लिपुलेख दरें तक गाड़ियों से जाना होगा। लिपुलेख दरें के बाद चीन बॉर्डर शुरू हो जाता है, जहां से बसें यात्रियों को कैलाश तक पहुंचाएंगी।
अब सिर्फ 10 दिनों में कर सकते हैं कैलाश मानसरोवर यात्रा
पहले कैलाश मानसरोवर यात्रा में 24 दिन लगते थे, लेकिन इस बार यात्रा के रूट में बदलाव के बाद अब यह यात्रा सिर्फ 10 दिनों में पूरी होगी। पिथौरागढ़ से शुरू होकर अब धारचूला, तवाघाट होते हुए लिपुलेख दरें तक यात्रा के रास्ते को तेज किया जाएगा। इससे पहले, जहां 8 दिन लगते थे, अब वही रास्ता एक दिन में तय होगा। इसका मतलब यह है कि दिल्ली से चलने के बाद तीर्थयात्रियों को सिर्फ 4-5 दिन में कैलाश पहुंचने का मौका मिलेगा और वापसी में भी ऐसा ही समय लगेगा।
कैलाश मानसरोवर यात्रा में कितना खर्च होगा?
कैलाश मानसरोवर यात्रा पर खर्च का सवाल हर किसी के मन में होता है। अधिकारियों के मुताबिक, यात्रा का खर्च अब तक तय नहीं हुआ है, लेकिन पिछले समय में 2019 में प्रति व्यक्ति खर्च करीब 2.5 लाख रुपये था।
इसके अलावा, यदि नेपाल से यात्रा की जाए तो करीब 1.84 लाख रुपये यात्रा का शुल्क होगा, इसके अलावा चीन से काठमांडू जाने का अलग से खर्च और पोर्टर शुल्क भी देना पड़ेगा, जो करीब 24 हजार रुपये होगा। कुल मिलाकर, यात्रा का खर्च बढ़ सकता है, लेकिन पैकेज जल्द ही तय किए जाएंगे।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए क्या हैं जरूरी दस्तावेज
इस यात्रा के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज होने चाहिए, जिनके बिना आप यात्रा पर नहीं जा सकते। ये दस्तावेज हैं:
- पासपोर्ट (जो यात्रा के खत्म होने के 6 महीने बाद तक वैध हो)
- 100 रुपये का स्टाम्प पेपर, जिसमें आप यात्रा के नियमों का पालन करने का शपथ पत्र देंगे।
- इमरजेंसी में वापसी का शपथ पत्र।
- अगर चीन में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो दाह संस्कार की लिखित अनुमति।
- वीजा, एड्रेस प्रूफ, पासपोर्ट साइज फोटो और मेडिकल सर्टिफिकेट भी जरूरी होंगे।
कितने लोग जा सकते हैं कैलाश मानसरोवर यात्रा पर?
इस यात्रा के लिए हर साल एक निश्चित संख्या में तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जाती है। आमतौर पर एक जत्थे में 60 से 100 यात्री होते हैं। भारत सरकार और चीन सरकार के नियमों के तहत ही ये यात्रा होती है और इन नियमों के मुताबिक ही यात्रा के लिए अनुमति दी जाती है।
यात्रा में आए बदलाव का क्या है फायदा?
इस बार यात्रा में किए गए बदलाव तीर्थयात्रियों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। यात्रा का समय कम होगा, रास्ता सुविधाजनक होगा और यात्रियों को जल्दी कैलाश तक पहुंचने का मौका मिलेगा। साथ ही, यात्रा के दौरान होने वाली परेशानियों को भी कम किया जाएगा। इस बदलाव के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को और भी ज्यादा श्रद्धालु कर पाएंगे, क्योंकि अब यह यात्रा पहले से कहीं ज्यादा आरामदायक और तेज हो जाएगी।
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