दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्ता गंवाने के साथ ही आम आदमी पार्टी की नींद उड़ गई है। नई दिल्ली विधानसभा सीट पर बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को करीब 1200 वोटों से हराकर नया सियासी इतिहास रच दिया है। यह हार सिर्फ एक सीट तक सीमित नहीं रही, बल्कि पूरी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की पकड़ कमजोर होती नजर आ रही है। बता दें कि बीजेपी ने 27 साल बाद जबरदस्त वापसी करते हुए बहुमत के साथ सत्ता हासिल करते हुए नजर आ रही है।
नई दिल्ली सीट पर थी दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों की टक्कर
नई दिल्ली सीट का मुकाबला बेहद खास था क्योंकि यहां अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दो दिग्गज परिवारों के नेता मैदान में थे। बीजेपी के प्रवेश वर्मा, जो पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं, और कांग्रेस के संदीप दीक्षित, जो पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं, ने केजरीवाल को घेरने की पूरी कोशिश की। आखिरकार, प्रवेश वर्मा ने शानदार जीत दर्ज कर अपनी राजनीतिक ताकत का लोहा मनवाया।
बीजेपी ने तोड़ा 27 साल का सूखा
दिल्ली में बीजेपी की यह जीत ऐतिहासिक है। पिछले तीन दशकों से पार्टी दिल्ली की सत्ता से बाहर थी, लेकिन इस बार के नतीजों ने पूरी तस्वीर बदल दी। बीजेपी ने सभी एग्जिट पोल को सही साबित करते हुए जबरदस्त बहुमत के साथ सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। 2014 से लगातार सातों लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाने के बावजूद विधानसभा चुनाव में असफल रहने वाली बीजेपी के लिए यह जीत ‘सियासी संजीवनी’ साबित होगी।
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केजरीवाल की राष्ट्रीय राजनीति की महत्वाकांक्षाओं को झटका
दिल्ली में मिली हार सिर्फ एक चुनावी शिकस्त नहीं, बल्कि अरविंद केजरीवाल की राष्ट्रीय राजनीति में बढ़ती महत्वाकांक्षाओं पर भी तगड़ा प्रहार है। 2014 में नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़कर उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षा जगजाहिर कर दी थी। हालांकि, हालिया हार ने उनके कद को बुरी तरह प्रभावित किया है। ‘इंडिया’ गठबंधन में रहते हुए भी उन्होंने कांग्रेस से दूरी बनाए रखी और हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ा, जिससे गठबंधन में उनकी स्थिति और कमजोर हो गई।
क्या है ताजा स्थिति : ‘आपदा’ गई ….
चुनाव आयोग के मुताबिक दिल्ली की 70 सीटों में से बीजेपी ने 46 सीटों पर बढ़त बना रखी है। जबकि पिछले नाव में 62 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) बहुमत के जादुई आंकड़े से बहुत दूर 24 पर ही आगे चल रही है। कांग्रेस और अन्य पार्टियों की तो खैर बात न ही की जाए तो बेहतर है। उनका तो कुछ अता-पता ही नहीं है। अभी तक के रुझान एग्जिट पोल के अनुमानों को सही करते दिख रहे हैं।
दिल्ली से AAP-दा गईं 👇
अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधान सभा से हारे ! pic.twitter.com/Wt5JjjefPK
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) February 8, 2025
बड़ा सवाल : क्या केजरीवाल युग का हुआ अंत
दिल्ली में केजरीवाल की हार सिर्फ एक चुनावी नतीजा नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक संकेत भी है। क्या यह उनके सियासी करियर के पतन की शुरुआत है? क्या आम आदमी पार्टी की पकड़ अब कमजोर पड़ने लगी है? ये सवाल आने वाले दिनों में राजनीतिक विश्लेषण का बड़ा विषय होंगे। लेकिन इतना तय है कि बीजेपी की इस जीत ने दिल्ली की राजनीति का समीकरण पूरी तरह बदल दिया है।
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