मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा, शाह-नड्डा से मुलाकात के बाद राज्यपाल को सौंपा पत्र

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार की शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका यह कदम उस वक्त आया जब उन्होंने आज ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद, सीएम एन बीरेन सिंह ने मणिपुर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मिलने के लिए राजभवन का रुख किया, और वहां उन्होंने औपचारिक रूप से अपने इस्तीफे का पत्र सौंपा। उनके साथ बीजेपी सांसद संबित पात्रा और मणिपुर राज्य के अन्य मंत्री भी मौजूद थे।

बीरेन सिंह ने इस्तीफा क्यों दिया?

सीएम एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा देते हुए मणिपुर की अखंडता और राज्य की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार से कुछ प्रमुख मांगें की हैं। उन्होंने राज्यपाल के पास इस्तीफा सौंपने के दौरान यह अपील की कि केंद्र सरकार राज्य की स्थिति को स्थिर बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाए। उन्होंने विशेष रूप से मणिपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अखंडता को बनाए रखने की बात की। इसके अलावा, बीरेन सिंह ने सीमा सुरक्षा को लेकर भी कुछ ठोस सुझाव दिए हैं। उन्होंने अपनी अपील में यह भी कहा कि सीमा पर घुसपैठ को रोकने और अवैध प्रवासियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने मणिपुर में नशे से जुड़ी आतंकवाद की समस्या के समाधान के लिए एक सख्त नई एमएफआर (MFR) प्रणाली लागू करने की मांग की, जिसमें बायोमेट्रिक जांच अनिवार्य हो। बीरेन सिंह ने केंद्र सरकार से यह भी अपील की कि राज्य की सीमा पर विकास कार्यों को तेज किया जाए।

 

बीरेन सिंह की माफी

इससे पहले, बीते साल मणिपुर में हुई हिंसा के दौरान, सीएम एन बीरेन सिंह ने मणिपुर की जनता से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि यह साल मणिपुर के लिए बहुत ही खराब रहा, और उन्होंने राज्यवासियों से अपने कार्यों के लिए माफी मांगी। उन्होंने यह भी कहा कि कई लोग अपनी जान और संपत्ति खो चुके हैं और कई परिवार अपने घरों से बेघर हो गए हैं। इसके बावजूद, उन्होंने उम्मीद जताई कि 2025 में मणिपुर की स्थिति सुधर जाएगी।

क्या कांग्रेस लाने वाली थी अविश्वास प्रस्ताव?

इस बीच, यह खबर भी सामने आई थी कि मणिपुर विधानसभा का सत्र रविवार से शुरू होने वाला था और कांग्रेस पार्टी ने पहले दिन ही मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाई थी। हालांकि, मुख्यमंत्री बीरेन सिंह शनिवार शाम को दिल्ली रवाना हो गए थे, जिसके बाद उनके इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई थीं। यह भी कहा जा रहा था कि कुछ विधायकों में असंतोष की भावना थी, जो कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव का हिस्सा बन सकते थे। इस बीच, बीरेन सिंह ने दिल्ली में शाह और नड्डा से मुलाकात की और फिर वापस लौटकर इस्तीफा सौंपा, जो राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

मणिपुर में अब क्या होगा?

बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद, मणिपुर में आगामी घटनाओं पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। राज्य में हाल ही में कई मुद्दे और विवाद छिड़े हुए थे, जिनमें से हिंसा, सांप्रदायिक तनाव और सीमा सुरक्षा के मुद्दे प्रमुख रहे हैं। इन मुद्दों को देखते हुए अब यह सवाल उठता है कि मणिपुर में नया मुख्यमंत्री कौन होगा और राज्य की स्थिरता को कैसे सुनिश्चित किया जाएगा। राज्य में राजनीतिक संकट के बीच बीरेन सिंह का इस्तीफा मणिपुर की राजनीति में नए मोड़ का संकेत दे रहा है, खासकर जब विधानसभा सत्र में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना चुका था।

सीएम के इस्तीफे से मणिपुर पर क्या असर पड़ेगा

मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद, यह साफ है कि राज्य की राजनीति में अब एक नया अध्याय शुरू हो सकता है। सीएम ने इस्तीफा देने के साथ-साथ केंद्र सरकार से कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देने की अपील की है, जिससे राज्य में शांति और स्थिरता लाई जा सके। अब देखना यह होगा कि मणिपुर की जनता को अगले दिनों में किस तरह के राजनीतिक बदलाव का सामना करना पड़ेगा।

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