कुंभ मेले में भारी जाम से परेशान श्रद्धालुओं की मदद के लिए सड़क पर उतरे BJP कार्यकर्ता

प्रयागराज में महाकुंभ मेला चल रहा है, और इस दौरान श्रद्धालुओं का सैलाब यहां लगातार बढ़ रहा है। इस बार कुंभ मेले के दौरान भारी ट्रैफिक जाम की बड़ी समस्या सामने आई है । यह जाम कुंभ मेले से जुड़ी हर सड़क पर एक आम दृश्य बन गया है। हजारों गाड़ियां घंटों इंतजार कर रही हैं, जिससे यात्रियों की परेशानी लगातार बढ़ रही है। पिछले कुछ दिनों से कुंभ मेला क्षेत्र में गाड़ियों का दबाव बहुत बढ़ गया है। भारी ट्रैफिक की वजह से बहुत से श्रद्धालु समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, और फंसे हुए श्रद्धालुओं को प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है।

बीजेपी कार्यकर्ताओं कर रहे श्रद्धालुओं की मदद

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे इस मुश्किल समय में श्रद्धालुओं की मदद करें। बीजेपी के संगठन मंत्री बीएल संतोष ने ट्वीट करके कहा, “पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर, बीजेपी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर ट्रैफिक मैनेजमेंट करने, कुंभ यात्रियों को भोजन और मेडिकल सहायता देने में प्रशासन की मदद करेंगे।” इसके बाद यूपी बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे जाम में फंसे श्रद्धालुओं को पानी, खाना और दूसरी आवश्यक मदद पहुंचाएं। इससे पहले, मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी अपने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे महाकुंभ में जा रहे श्रद्धालुओं की मदद करें, ताकि वे किसी तरह की असुविधा का सामना न करें। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

अखिलेश यादव का आरोप: सरकार नाकाम

वहीं दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला के दौरान श्रद्धालु परेशान हैं, लेकिन कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति या मंत्री मौके पर नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, “प्रयागराज में जाम की वजह से न तो खाने-पीने के लिए सामान मिल पा रहा है, न दवाइयां, और न पेट्रोल-डीजल। इससे श्रद्धालुओं की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।”अखिलेश यादव ने सरकार के नाकाम होने की बात कही और यह आरोप भी लगाया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री कुंभ मेले में आने वाली इस भीड़ के बीच कहीं दिखाई नहीं दे रहे। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि ये लोग घरों में बैठकर इस मुश्किल घड़ी को देखने की बजाय सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं।”

जाम में घंटों से फंसे हैं श्रद्धालु

कुंभ मेला के दौरान जाम में फंसे श्रद्धालुओं की हालत बद से बदतर होती जा रही है। एडीसीपी (ट्रैफिक) कुलदीप सिंह के अनुसार, “वाहनों की संख्या बहुत अधिक है और श्रद्धालु भी अपनी गाड़ियों को मेला क्षेत्र के पास लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके कारण ट्रैफिक जाम बढ़ता जा रहा है।” कुलदीप सिंह ने बताया कि अब हालत ऐसी हो गई है कि मौनी अमावस्या के दिन जितनी भीड़ आई थी, अब वही हालात फिर से बन रहे हैं। उपयुक्त पार्किंग की कमी भी जाम की समस्या को बढ़ा रही है। नजदीकी पार्किंग पहले ही भर चुकी है, और अब दूर की पार्किंग में भी जगह खत्म होने की स्थिति है।

मेला प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल

महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाएं भी सवालों के घेरे में हैं। सरकार के मंत्री और अधिकारी जाम की स्थिति में फंसे श्रद्धालुओं की मदद करने के बजाय अपने कार्यालयों में बैठकर केवल आदेश दे रहे हैं। जबकि मौके पर जो कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं, उनके लिए भी खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं हो रही।
अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर कहा, “सिर्फ सिपाही और सफाईकर्मी हैं जो भूखे-प्यासे दिन-रात डटे हुए हैं, लेकिन अधिकारियों की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही।”

अब तक 43 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किया स्नान

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। मेला प्रशासन के अनुसार, 13 जनवरी से 9 फरवरी तक 43.57 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है। यह आंकड़ा बहुत ही बड़ा है और इससे जाम की समस्या और भी गंभीर हो जाती है।

पार्किंग की स्थिति भी डमाडोल

मेला क्षेत्र के नजदीकी पार्किंग की क्षमता बहुत सीमित है, जबकि दूर की पार्किंग में कुछ जगह बची हुई है। एडीसीपी ने बताया कि मेला क्षेत्र के नजदीकी पार्किंग में करीब 4-5 हजार वाहनों की जगह है, जबकि दूर की पार्किंग में 20-25 हजार वाहन आ सकते हैं।

आखिरकार क्या है समाधान?

इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन को फौरन एक ठोस योजना बनाने की जरूरत है। ट्रैफिक का बेहतर प्रबंधन और श्रद्धालुओं के लिए भोजन, पानी और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं की व्यवस्था को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही, सरकार और प्रशासन को जनता के बीच अधिक सक्रिय होकर इन समस्याओं का समाधान करना होगा, ताकि इस महाकुंभ का अनुभव सभी के लिए बेहतर हो सके।

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