बंधकों की रिहाई नहीं हुई तो होगी बड़ी कार्रवाई!

ट्रंप का हमास को अल्टीमेटम….. “शनिवार तक सभी बंधकों को छोड़ो, नहीं तो गंभीर नतीजे होंगे!”

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को सख्त चेतावनी दी है कि गाजा में बंधकों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए। उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि शनिवार दोपहर 12 बजे तक सभी बंधकों को छोड़ दिया जाए, वरना इसके गंभीर नतीजे होंगे।

ट्रंप ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो दुनिया बहुत बड़ा संकट देखेगी। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि अगर बंधकों की रिहाई नहीं होती, तो युद्ध विराम समझौता खत्म हो सकता है। ट्रंप ने दोहराया कि वे सभी बंधकों की सुरक्षित वापसी चाहते हैं और इसमें कोई समझौता नहीं होगा।

शनिवार को नहीं हुई बंदियों की रिहाई

गाजा युद्ध विराम समझौते के तहत पिछले तीन हफ्तों से हर शनिवार को बंदियों और कैदियों की रिहाई हो रही थी। इस शनिवार को भी सभी को यही उम्मीद थी। रिहा होने वाले बंदियों के परिवार वाले पहले से ही वहां पहुंच चुके थे, लेकिन इस बार किसी को रिहा नहीं किया गया।

इससे नाराज लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे और तेल अवीव में प्रदर्शन तेज हो गया। अब ट्रंप की तरफ से अगले शनिवार तक का अल्टीमेटम दिया गया है।

ट्रंप की हमास की डायरेक्ट चेतावनी 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ शब्दों में कहा कि अगर सभी बंधकों को रिहा नहीं किया गया, तो हमास को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि मेरे नजरिए से, अगर शनिवार दोपहर 12 बजे तक बंधकों को नहीं छोड़ा गया, तो समझौते को रद्द करना सही होगा।

इसके अलावा, जब उनसे इस मुद्दे पर सवाल किया गया, तो उन्होंने संकेत दिए कि फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

ट्रंप का जॉर्डन और मिस्र की मदद रोकने पर विचार 

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ओवल ऑफिस में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर जॉर्डन और मिस्र गाजा से आने वाले फिलिस्तीनी शरणार्थियों को अपने यहां जगह देने से इनकार करते हैं, तो वे उनकी मदद बंद कर सकते हैं। इससे पहले, दिन में उन्होंने यह भी कहा था कि अमेरिकी नेतृत्व वाली उनकी अधिग्रहण योजना के तहत फिलिस्तीनियों को गाजा वापस लौटने का अधिकार नहीं मिलेगा।

19 जनवरी को हुआ था युद्ध विराम समझौता

15 महीने के विनाशकारी युद्ध के बाद, 19 जनवरी को एक युद्ध विराम लागू हुआ। इसके तहत 21 बंधकों को इजरायली जेलों से रिहा किया गया, जिनमें 16 इजरायली और 5 थाई नागरिक शामिल थे। इसके बदले, सैकड़ों फिलिस्तीनी बंदियों को गाजा से रिहा किया गया। हालांकि, 70 से ज्यादा बंधक अभी भी गाजा में फंसे हुए हैं।

 

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