दिल्ली और मणिपुर के मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी में मंथन, किसे मिलेगा ताज?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के बाद अब पार्टी के सामने एक नया सवाल खड़ा हो गया है – देश की राजधानी दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल का जवाब 70 घंटे से भी ज्यादा वक्त से बीजेपी के भीतर सियासी मंथन के बाद अब तक नहीं मिल पाया है। वहीं, मणिपुर में भी मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी में चर्चा जारी है, क्योंकि एन. बिरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। इस बीच बीजेपी दोनों ही राज्यों में नए मुख्यमंत्री के नाम पर विचार कर रही है।

मणिपुर में बीजेपी के मुख्यमंत्री के नाम पर मंथन

9 फरवरी को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया। मणिपुर में हिंसा के बाद से बिरेन सिंह विपक्षी दलों के निशाने पर थे, और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा देने का फैसला किया। इसके बाद से बीजेपी में मणिपुर के नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
बीजेपी के भीतर युमनाम खेमचंद सिंह और टी. विश्वजीत सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा है, क्योंकि ये दोनों नेता बिरेन सिंह के कैबिनेट में मंत्री रहे हैं। खेमचंद सिंह 2017 और 2022 में सिंगजामेई विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे और वर्तमान में मणिपुर कैबिनेट में नगर प्रशासन, आवास और शहरी विकास (MAHUD) और शिक्षा विभाग के मंत्री हैं। वहीं, टी. सत्यब्रत सिंह जो वर्तमान में मणिपुर विधानसभा के स्पीकर हैं, उनका नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में है।

केयरटेकर सीएम बने रहेंगे बिरेन सिंह

सूत्रों के मुताबिक, बिरेन सिंह के इस्तीफे के बाद वे मणिपुर के केयरटेकर मुख्यमंत्री बने रहेंगे, जब तक नई सरकार का गठन नहीं हो जाता। बीजेपी मणिपुर में सरकार बनाने की संभावनाओं को लेकर विचार कर रही है, और यह भी संभावना जताई जा रही है कि यदि छोटे दलों जैसे NPP और JDU के साथ मिलकर कोई पार्टी सरकार बनाने का दावा करती है तो उसे मौका दिया जाएगा। यदि अगले 10 दिन में सरकार का गठन नहीं हो पाता है तो मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।

मणिपुर विधानसभा सत्र स्थगित

मणिपुर विधानसभा का सत्र 10 फरवरी से शुरू होने वाला था, लेकिन बिरेन सिंह के इस्तीफे के बाद इसे स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस ने सीएम के खिलाफ नो कॉन्फिडेंस मोशन लाने की पूरी तैयारी की थी, लेकिन अब तक के घटनाक्रम के चलते विधानसभा सत्र स्थगित हो गया। सरकार बनने तक विधानसभा सस्पेंडेड एनीमेशन में रहेगी, और विधानसभा को भंग नहीं किया जाएगा।

दिल्ली में सीएम की कुर्सी के लिए बीजेपी के अंदर चल रहा मंथन

वहीं, दिल्ली की सियासत में भी बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती है – दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा? दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है और 27 साल बाद राजधानी की सत्ता में वापसी की है। इस बार पार्टी ने आम आदमी पार्टी (AAP) को कड़ी टक्कर दी, जिसने 22 सीटों पर जीत दर्ज की।
सियासी हलकों में यह चर्चा है कि बीजेपी दिल्ली में किसी महिला नेता को मुख्यमंत्री बना सकती है। यदि ऐसा हुआ तो दिल्ली को चौथी बार महिला मुख्यमंत्री मिल सकती है। इससे पहले सुषमा स्वराज, शीला दीक्षित और आतिशी ने इस पद पर काबिज हो चुकी हैं।

बीजेपी में मुख्यमंत्री उम्मीदवारों की सूची में कई नाम शामिल

दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए कई नामों की चर्चा है। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी में कई वरिष्ठ नेताओं के नाम इस पद के लिए चल रहे हैं, लेकिन पार्टी अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। अगर दिल्ली में महिला मुख्यमंत्री बनाने की बात होती है तो पार्टी के पास कुछ सशक्त और अनुभवी महिला नेताओं के नाम हैं।

दिल्ली में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत

बीजेपी की दिल्ली विधानसभा चुनाव में यह जीत बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि दिल्ली में 1998 से पार्टी सत्ता से बाहर थी। दिल्ली के चुनावी इतिहास में यह जीत एक बड़ी टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकती है। बीजेपी ने इस बार 70 सीटों में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम बीजेपी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, और पार्टी के अंदर इस जीत को लेकर उत्साह है। अब यह देखना होगा कि पार्टी अपनी इस ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए किसे चुनती है और मणिपुर में सरकार गठन की दिशा में क्या कदम उठाती है।

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