हरियाणा बीजेपी के सीनियर नेता और राज्य सरकार में ऊर्जा और परिवहन मंत्री अनिल विज के तेवर कम होने का नाम नहीं ले रहे है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लेकर दिए गए बयानों को लेकर उन्हें जो नोटिस भेजा गया था, उसका अनिल विज ने जवाब दे दिया है। यह जवाब 8 पेज का बताया जा रहा है। विज ने बताया कि उन्होंने इस चिट्ठी में लिखा है कि अगर और किसी बात का जवाब चाहिए तो वो भी देने को तैयार हूं।
नोटिस को लेकर क्या बोले अनिल विज
अनिल विज ने कहा कि वह तीन दिन से बेंगलुरु गए हुए थे। उन्हें मीडिया के माध्यम से इस नोटिस के बारे में पता चला था। उन्होंने कहा कि कल शाम ही मैं वापस लौटा। उन्होंने कहा कि मैं घर पहुंचने के बाद ठंडे पानी से नहाया, फिर खाना खाया और रात को अपना जवाब हाईकमान को भेज दिया। हालांकि उन्होंने ये नहीं बाताया कि उन्होंने इसमें क्या लिखा है।
#WATCH | Ambala | On BJP’s show cause notice to him, Haryana minister Anil Vij says, “I was in Bengaluru for the last 3 days. I returned here last night. I went to my home, where I took a bath and had my meal. Later, I wrote my reply (to the show cause notice). Today, I have sent… pic.twitter.com/vRGUlhrGAD
— ANI (@ANI) February 12, 2025
पहले कही थी ये बात
बीजेपी द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस पर मंत्री अनिल विज ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि मैं बेंगलुरु से लौट आया हूं। मैं सबसे पहले घर जाऊंगा, ठंडे पानी से नहाऊंगा, रोटी खाऊंगा, बैठकर मैं जवाब लिख दूंगा और इसे हाईकमान को भेजूंगा।
कारण बताओ नोटिस में क्या लिखा था
हरियाणा के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया कि आपने हाल ही में पार्टी के अध्यक्ष और पार्टी के मुख्यमंत्री पद के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयान दिए है। यह गंभीर आरोप है और यह पार्टी की नीति और अनुशासन के खिलाफ है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के अनुसार आपको यह कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
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अनिल विज का विवादों से रहा है पुराना नाता
बता दें कि मंत्रियों के पोर्टफोलियो में अनिल विज का नंबर मुख्यमंत्री के बाद दूसरा है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार में भी वह दूसरे नंबर के सबसे वरिष्ठ मंत्री थे। मनोहर लाल के साथ उनकी कई साल तक खटपट रही। उस समय अनिल विज के पास गृह मंत्रालय था। वहीं मनोहर लाल के बाद जब नायब सिंह सैनी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे, तब विज को मंत्री नहीं बनाया गया था। राज्य में भाजपा की तीसरी बार सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह के मंत्रिमंडल में अनिल विज के विभागों में कटौती कर दी गई थी। अनिल विज पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली के विरुद्ध ऐसे समय में बयानबाजी की, जब दिल्ली विधानसभा के चुनाव चल रहे थे।