दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद, राजधानी की स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े बदलाव की संभावना है। खासतौर पर दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों को लेकर नई सरकार ने महत्वपूर्ण फैसले लेने का मन बना लिया है। इन क्लीनिकों की रीब्रांडिंग की जाएगी, और इसके साथ-साथ मोहल्ला क्लीनिकों के फंड के दुरुपयोग की जांच भी की जाएगी। नई दिल्ली सरकार इस पूरी प्रक्रिया को लेकर गंभीर है और जल्द ही इससे जुड़ी जांच समिति का गठन किया जा सकता है।
मोहल्ला क्लीनिकों की रीब्रांडिंग
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिकों के नाम और रूप में बदलाव किया जा सकता है। मौजूदा नाम को बदलकर इन्हें “आरोग्य मंदिर” या “अर्बन आरोग्य मंदिर” नाम दिया जा सकता है। इस बदलाव के बाद इन क्लीनिकों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और गुणवत्ता में सुधार लाने का लक्ष्य रखा जाएगा। यह बदलाव दिल्ली सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है और इसे पहली कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल सकती है। साथ ही, नई नियुक्तियों के साथ क्लीनिकों का जीर्णोद्धार भी किया जाएगा।
मोहल्ला क्लीनिकों का उद्देश्य शहर के हर इलाके में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना था, लेकिन पिछले कुछ सालों में इन क्लीनिकों से संबंधित फंड के दुरुपयोग के आरोप सामने आए हैं। इन आरोपों के बाद अब दिल्ली की नई सरकार इस मामले में सख्त कदम उठाने जा रही है।
मोहल्ला क्लीनिकों में फंड के दुरुपयोग की होगी जांच
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी सरकार ने फंड के दुरुपयोग की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का निर्णय लिया है। पिछले कुछ समय से मोहल्ला क्लीनिकों के लिए आवंटित फंड में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के आरोप लग रहे थे। रिपोर्टों के अनुसार, नई सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्द ही इस पर कार्रवाई शुरू करने वाली है।
सूत्रों का कहना है कि जांच के बाद अगर यह आरोप सही पाए जाते हैं तो क्लीनिकों के संचालन में बदलाव किए जाएंगे और फंड के दुरुपयोग को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएंगे। इस पूरे मामले की रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर तैयार की जाएगी और दिल्ली के नए स्वास्थ्य मंत्री को सौंपी जाएगी। इस रिपोर्ट में दवाओं की खरीद और रखरखाव के संबंध में किए गए भ्रष्टाचार को लेकर विवरण होगा।
दिल्ली में लागू होगी आयुष्मान भारत योजना
दिल्ली सरकार एक और बड़ा कदम उठाते हुए आयुष्मान भारत योजना को राजधानी में लागू करने की योजना बना रही है। इस योजना का उद्देश्य दिल्ली के गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना है। सरकार का मानना है कि इस योजना के माध्यम से 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 51 लाख आयुष्मान कार्ड जारी किए जाने की उम्मीद है। आयुष्मान भारत योजना पहले से ही कई राज्यों में लागू है और अब दिल्ली में भी इसे लागू करने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत दिल्ली के नागरिकों को प्रमुख अस्पतालों में मुफ्त इलाज और अस्पताल में भर्ती होने की सुविधाएं मिलेंगी।
नाम बदलने की योजना पर क्या बोल रहे लोग
मोहल्ला क्लीनिकों के नाम बदलने की योजना पर कुछ लोगों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कुछ का मानना है कि यह बदलाव केवल दिखावा है और असली समस्या – स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और फंड के सही इस्तेमाल की समस्या – हल नहीं हो पाएगी। वहीं, कुछ लोग इसे सकारात्मक कदम मानते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए जरूरी बदलाव मानते हैं। मुलायम अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकार इस दिशा में कदम उठाती है तो यह एक सकारात्मक बदलाव होगा, लेकिन असली सुधार तभी संभव हो पाएगा जब इन क्लीनिकों के संचालन में पारदर्शिता और जिम्मेदारी आएगी।
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