वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान से पाकिस्तान नाराज हो गया है। इस बयान में पाकिस्तान से आतंकवाद पर लगाम लगाने और मुंबई व पठानकोट हमलों के गुनहगारों को सजा देने की मांग की गई थी। इस पर पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘एकतरफा और भ्रामक’ करार दिया है।
शुक्रवार को इस्लामाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने इस बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी कोशिशों और अमेरिका के साथ उसके सहयोग को नजरअंदाज करता है। पाकिस्तान ने इसे कूटनीतिक मर्यादाओं के खिलाफ भी बताया।
पाकिस्तान क्यों भड़क उठा?
भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं। भारत ने कई बार पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और आतंकियों को समर्थन देने का आरोप लगाया है। 2008 के मुंबई हमले और पठानकोट हमले के बाद भी भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को शरण देने के आरोप लगाए थे। लेकिन पाकिस्तान इन आरोपों को नकारता रहा है और कहता है कि वह केवल कश्मीरियों को कूटनीतिक और नैतिक समर्थन देता है।
वहीं, शफकत अली खान ने भारत पर पलटवार करते हुए कहा कि भारत खुद आतंकवाद को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा, “भारत के इस तरह के बयान उसकी अपनी नीतियों को छिपाने की कोशिश हैं। वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस सच्चाई से नहीं हटा सकता कि भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत और हिंसा बढ़ रही है।”
भारत-अमेरिका के सैन्य समझौते पर आपत्ति
पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा भारत को दी जाने वाली आधुनिक सैन्य तकनीक पर चिंता जताई है। ट्रंप और मोदी की बैठक के बाद ट्रंप ने घोषणा की थी कि 2025 से अमेरिका भारत को हाई-टेक सैन्य उपकरणों की आपूर्ति बढ़ाएगा, जिसमें एफ-35 लड़ाकू विमान भी शामिल हो सकते हैं।
इस पर पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि ऐसा करने से दक्षिण एशिया में सैन्य संतुलन बिगड़ सकता है। शफकत अली खान ने कहा कि इस तरह के फैसले क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं और इससे रणनीतिक संतुलन भी प्रभावित होगा।
पाकिस्तान ने की ये अपील
पाकिस्तान ने दुनिया भर के देशों से अपील की है कि वे दक्षिण एशिया की सुरक्षा को संतुलित तरीके से देखें। खान ने कहा, “हम अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से यह आग्रह करते हैं कि वे शांति और सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं को निष्पक्ष और व्यापक दृष्टिकोण से देखें और किसी एक पक्ष का समर्थन न करें।”
भारत के बढ़ते सैन्य खर्च से घबराया पकिस्तान
पाकिस्तान ने भारत के बढ़ते सैन्य खर्च को लेकर चिंता जताई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत 2008 से अब तक 20 अरब डॉलर से ज्यादा के अमेरिकी रक्षा उत्पाद खरीद चुका है। पिछले साल, भारत ने छह साल की चर्चा के बाद 31 MQ-9B सी गार्जियन और स्काई गार्जियन ड्रोन खरीदने का समझौता किया था। अमेरिकी कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस के अनुसार, भारत अगले 10 साल में अपने सैन्य आधुनिकीकरण पर 200 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च कर सकता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस बढ़ते खर्च पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे दक्षिण एशिया में हथियारों की होड़ बढ़ेगी, जिससे शांति के प्रयासों को नुकसान होगा।