नेपाल के डिप्टी प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बिष्णु पौडेल और पोखरा मेट्रोपॉलिटन के मेयर धनराज आचार्य एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसे की चपेट में आ गए हैं। ये हादसा पोखरा टूरिज्म ईयर के उद्घाटन समारोह के दौरान हुआ, जहां आकाश में छोड़ने के लिए रखे गए गुब्बारे अचानक फट गए। इस घटना में दोनों नेता गंभीर रूप से झुलस गए और उन्हें तुरंत हेलीकॉप्टर से काठमांडू स्थित कीर्तिपुर बर्न अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, दोनों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
क्या हुआ था हादसा?
ये घटना पोखरा टूरिज्म ईयर के उद्घाटन समारोह के दौरान हुई। कार्यक्रम में आकाश में छोड़ने के लिए हाइड्रोजन गैस से भरे गुब्बारे तैयार किए गए थे। जैसे ही इन गुब्बारों को आग के संपर्क में लाया गया, वे फट गए। इस दौरान डिप्टी पीएम बिष्णु पौडेल और मेयर धनराज आचार्य गुब्बारों के पास मौजूद थे और आग की चपेट में आ गए। गुब्बारों में हाइड्रोजन गैस भरी होने के कारण आग तेजी से फैल गई और दोनों नेता गंभीर रूप से झुलस गए।
नेताओं की हालत क्या है?
घटना के बाद दोनों नेताओं को तुरंत मेडिकल सहायता दी गई। कास्की जिला पुलिस अधीक्षक श्यामनाथ औलिया ने बताया कि दोनों नेताओं को आगे के इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से काठमांडू ले जाया गया है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, दोनों की हालत अब स्थिर है। मेयर धनराज आचार्य का गाल और सिर का कुछ हिस्सा जल गया है, जबकि डिप्टी पीएम बिष्णु पौडेल का सिर और चेहरा आग की चपेट में आने से झुलस गया है। दोनों का इलाज कीर्तिपुर बर्न अस्पताल में चल रहा है।
कार्यक्रम स्थल पर मची अफरा-तफरी
घटना के बाद कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी मच गई। गुब्बारों के फटने से आग तेजी से फैल गई और लोगों में दहशत फैल गई। आनन-फानन में डिप्टी पीएम और मेयर को हेलीकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाया गया। इस घटना के बाद कार्यक्रम को बीच में ही रोक दिया गया। डॉक्टरों की एक टीम दोनों नेताओं के इलाज में जुटी हुई है।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना के बाद नेपाल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि जब अधिकारियों को पता था कि गुब्बारों में हाइड्रोजन गैस भरी गई है, तो उन्हें दीप प्रज्वलन के समय दूर हटा देना चाहिए था। इस घटना से यह साफ हो गया है कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा उपायों में गंभीर लापरवाही बरती गई। अब इस मामले की जांच की मांग की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
नेपाल सरकार की प्रतिक्रिया
घटना के बाद नेपाल सरकार ने दोनों नेताओं के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए एक टीम गठित की है। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि दोनों नेताओं को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। नेपाल के प्रधानमंत्री ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है और दोनों नेताओं के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
आगे क्या होगा?
अब सबकी नजरें दोनों नेताओं के स्वास्थ्य पर टिकी हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दोनों की हालत स्थिर है और उन्हें जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। हालांकि, इस घटना ने नेपाल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय करती है।