New Delhi railway station stampede

नई दिल्ली स्टेशन पर क्यों मची भगदड़? सामने आई ये वजह!

New Delhi railway station stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात भारी भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। यह हादसा रात 9:55 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर हुआ।

दरअसल, प्रयागराज कुंभ मेले में जाने के लिए हजारों यात्री स्टेशन पर पहुंचे थे। प्लेटफॉर्म पहले से ही लोगों से भरा हुआ था, और जब भीड़ और बढ़ने लगी, तब भगदड़ मच गई।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस घटना की जांच के लिए एक दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है। रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार निदेशक दिलीप कुमार ने कहा कि जांच से हादसे के असली कारणों का पता लगाया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे पर जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ पर दुख जताया। उन्होंने लिखा कि यह घटना बेहद दुखद है और मैं इससे बहुत व्यथित हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके लिए मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि जो घायल हुए हैं, वे जल्द स्वस्थ हों। सरकार और अधिकारी प्रभावित लोगों की हर संभव मदद कर रहे हैं।

लोगों की मौत से बेहद दुखी हूं: राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई घटना पर दुख जताया। उन्होंने लिखा कि प्लेटफॉर्म पर मची भगदड़ में लोगों की मौत की खबर बेहद दुखद है। मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।

एलजी ने भगदड़ को बताया दुर्भाग्यपूर्ण घटना

दिल्ली के एलजी वी.के. सक्सेना ने एक्स पर एक पोस्ट में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई अफरा-तफरी और भगदड़ को दुखद घटना बताया. पहले उन्होंने इसमें मौतों का भी जिक्र किया था, लेकिन बाद में इसे संपादित कर वह हिस्सा हटा दिया. एलजी ने लिखा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और पीड़ितों के परिवारों के प्रति उनकी गहरी संवेदनाएं हैं.

15 में से 13 की हुई पहचान 

दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने बताया कि मध्य दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में 15 लोगों को मृत अवस्था में लाया गया था। इनमें से 13 लोगों की पहचान हो चुकी है, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। इसके अलावा, लगभग 15 लोग घायल हैं और उनका इलाज जारी है।

प्लेटफार्म 14 और 16 के पास मची भगदड़ 

रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ के कारण अफरा-तफरी मच गई, जिससे कई यात्री घबराकर बेहोश हो गए। पुलिस उपायुक्त (रेलवे) ने बताया कि प्लेटफॉर्म नंबर 14 पहले से ही भीड़ से भरा हुआ था, जब प्रयागराज एक्सप्रेस ट्रेन वहां खड़ी थी और प्रस्थान की तैयारी कर रही थी।

स्थिति और बिगड़ गई क्योंकि स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस कैंसल हो गई थीं। इन ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफॉर्म 12, 13 और 14 पर मौजूद थे, जिससे भीड़ और बढ़ गई।

रेलवे के मुताबिक, हर घंटे करीब 1,500 सामान्य टिकट बेचे गए, जिससे स्टेशन पर भीड़ बेकाबू हो गई। इसी कारण प्लेटफॉर्म नंबर 14 और प्लेटफॉर्म नंबर 16 के पास एस्केलेटर के पास भगदड़ मच गई।

प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या कहा 

रात करीब 9:55 बजे अचानक भगदड़ मच गई, जिससे हालात बिगड़ गए और अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करनी पड़ी। पीड़ितों में से एक व्यक्ति ने बताया कि भगदड़ में उसकी मां की जान चली गई। वह अपने परिवार के साथ बिहार के छपरा स्थित घर लौट रहा था, लेकिन अफरा-तफरी के दौरान उसकी मां भीड़ में फंस गईं और उनकी मौत हो गई। उसने बताया कि लोग एक-दूसरे को धक्का दे रहे थे, जिससे स्थिति और खराब हो गई। बाद में डॉक्टर ने उसकी मां के निधन की पुष्टि की।

यात्रियों ने की धक्का-मुक्की 

दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलते ही बचाव दल और चार दमकल गाड़ियां मौके पर भेजी गईं।

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) हिमांशु उपाध्याय ने कहा कि स्टेशन पर भीड़ ज्यादा थी, जिससे यात्रियों के बीच धक्का-मुक्की हो गई और कुछ लोग घायल हो गए। घायलों को तुरंत अस्पताल ले जाकर प्राथमिक उपचार दिया गया।

यात्री धर्मेंद्र सिंह, जो प्रयागराज जाने वाले थे, ने बताया कि कई ट्रेनें लेट थीं या रद्द कर दी गई थीं, जिससे स्टेशन पर भारी भीड़ हो गई। उन्होंने कहा, “मैंने इस स्टेशन पर पहले कभी इतनी भीड़ नहीं देखी थी। मेरे सामने ही छह-सात महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाया गया।”

टिकट कन्फर्म होने के बाद भी नहीं मिली ट्रेन 

प्रमोद चौरसिया, जो पुरूषोत्तम एक्सप्रेस में स्लीपर क्लास के यात्री थे, ने बताया, “मेरे पास कन्फर्म टिकट था, लेकिन ट्रेन में चढ़ना नामुमकिन हो गया। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि धक्का-मुक्की हो रही थी। मेरा एक दोस्त और एक महिला यात्री इसी भीड़ में फंस गए।”

उन्होंने आगे बताया कि हालात इतने बिगड़ गए थे कि वे अपने बच्चों के साथ बाहर ही रुक गए ताकि सुरक्षित रह सकें।

इधर, रेलवे बोर्ड के सूचना और प्रचार विभाग के कार्यकारी, दिलीप कुमार ने बताया कि “ट्रेन में चढ़ने के लिए बहुत बड़ी संख्या में लोग आ गए थे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई और कई लोग गिर पड़े।”

 

यह भी पढ़े: