Delhi earthquake

जानिए कितने जोन में बटा है भारत का भूकंपीय क्षेत्र, कौन सी जगह है सबसे खतरनाक?

दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह 5:36 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 4.0 मापी गई, जिसका केंद्र नई दिल्ली था। सुबह-सुबह अचानक झटके लगने से लोग घबरा गए और घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है, लेकिन इस भूकंप ने लोगों में डर का माहौल बना दिया है।

दिल्ली जिस इलाके में स्थित है, वह भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। खासकर दिल्ली फॉल्ट IV क्षेत्र में होने के कारण यहां भूकंप का खतरा ज्यादा रहता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, भविष्य में भी यहां तेज भूकंप आ सकते हैं, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।

पांच जोन में बटा भारत का भूकंपीय क्षेत्र

Delhi earthquake

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने भूकंप की तीव्रता और उसके आने की संभावना के आधार पर भारत को चार जोनों में बांटा है। इसका मकसद यह समझना है कि देश के किस हिस्से में भूकंप का खतरा ज्यादा है और कहां कम। इन जोनों को जोन II, जोन III, जोन IV और जोन V के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इनमें से जोन V सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है, जहां भूकंप आने की संभावना सबसे अधिक होती है। वहीं, जोन II सबसे सुरक्षित माना जाता है, जहां भूकंप का खतरा सबसे कम होता है।

पहले जोन में कौन से क्षेत्र

जोन II, वह इलाका है जो कम जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्रों में आता है। यहां पर भूकंप आने का खतरा बहुत कम होता है। इस क्षेत्र में भूकंप की अधिकतम तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.9 तक हो सकती है। जोन II में कई प्रमुख शहर शामिल हैं, जैसे उत्तर प्रदेश का प्रयागराज, महाराष्ट्र का औरंगाबाद, कर्नाटक का बैंगलुरू, पश्चिम बंगाल का दुर्गापुर, छत्तीसगढ़ का भिलाई, मध्य प्रदेश का भोपाल, आंध्र प्रदेश का हैदराबाद, और राजस्थान का जयपुर।

दूसरे जोन में कौन से क्षेत्र

जोन III एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे भूकंपीय दृष्टि से मध्यम जोखिम वाला माना जाता है। यहां भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5 से 6 तक हो सकती है। इस क्षेत्र में कई बड़े शहर शामिल हैं, जैसे उत्तर प्रदेश के बरेली, आगरा, लखनऊ, वाराणसी, कर्नाटका का बेलगाम, पंजाब का भटिंडा, मध्य प्रदेश का जबलपुर, पश्चिम बंगाल का कोलकाता, और गुजरात का वडोदरा।

दिल्ली का क्या है जोन?

जोन IV एक ऐसा क्षेत्र है जो ज्यादा भूकंपीय जोखिम में आता है। यहां भूकंप की तीव्रता 6 से 6.9 तक हो सकती है। दिल्ली भी इसी जोन में शामिल है, जिससे यहां भूकंप आने का खतरा अधिक है। सिस्मिक जोन IV में उत्तराखंड के नैनीताल, पीलीभीत, रुड़की, बिहार के पटना, उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, गोरखपुर, सिक्किम के गंगटोक, और पंजाब के अमृतसर जैसे स्थान भी आते हैं।

सबसे खतरनाक जोन

भूकंप आने के लिहाज से सबसे खतरनाक इलाका जोन V है। यहां रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 या उससे ज्यादा हो सकती है। इस जोन में भारत के पूर्वोत्तर राज्य जैसे असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश आते हैं। इसके अलावा, गुजरात का कच्छ भी इसी जोन में आता है, जहां 26 जनवरी 2001 को भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी और हजारों लोगों की जान चली गई थी। अन्य खतरे वाले इलाकों में हिमाचल प्रदेश का मंडी, जम्मू कश्मीर का श्रीनगर, नागालैंड का कोहिमा, गुजरात का भुज, मणिपुर का इंफाल, और बिहार का दरभंगा शामिल हैं।

 

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