Delhi Chief Minister: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा का जबरदस्त प्रदर्शन देखने को मिला था। कई सालों से सत्ता से बाहर चल रही भारतीय जनता पार्टी की देश की राजधानी में भी दमदार एंट्री हुई हैं। राजनीति के जानकार इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों को दे रहे हैं। जबकि कुछ राजनीति के जानकार केजरीवाल की लोकप्रियता में कमी के चलते आप पार्टी की हार का बड़ा कारण मान रहे हैं। अब कुछ भी कारण रहे होंगे, लेकिन दिल्ली में एक बार फिर सालों बाद भाजपा का सीएम बनने जा रहा हैं। बुधवार शाम को बीजेपी विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता को विधायक दल का नेता चुना गया। वह दिल्ली की अगली सीएम (Delhi Chief Minister) होंगी।
बता दें दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पहली बार विधायक चुनी गई हैं। ऐसे में उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां रहेगी। दूसरी तरफ विपक्ष में अरविन्द केजरीवाल को भाजपा सरकार को घेरने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहेंगे। भाजपा नेतृत्व ने रेखा गुप्ता के अनुभव और राजधानी का नेतृत्व करने के लिए एक महिला नेता को चुना है। चलिए जानते हैं दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता के सामने क्या-क्या बड़ी चुनौती रहेगी..?
जनता से किए वादे पूरा करना
बीजेपी को दिल्ली में सत्ता वापसी के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी हैं। दिल्ली की जनता कई मुद्दों को लेकर काफी परेशान थी। जिसको भाजपा ने पूरा करने का वादा भी किया था। इसके अलावा भी बीजेपी ने दिल्ली में सरकार बनने से पहले कई बड़े वादे किए थे। जिसके बाद जनता ने भाजपा को एकतरफा वोटिंग करते हुए जीत दिलाई। ऐसे में रेखा गुप्ता के सामने यह चुनौती होगी कि जनता से किए गये वादे पूरे करें।
प्रदूषण मुक्त दिल्ली का वादा
बता दें दिल्ली की जनता प्रदूषण को लेकर काफी परेशान थी। पिछले कुछ सालों में दिल्ली में प्रदूषण इतना बढ़ गया था कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता हैं। ऐसे में बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान प्रदूषण को भी बड़ा मुद्दा बनाया था। दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट से प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को हराया था। उन्होंने इसके बाद दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ”दिल्ली के विकास के लिए कई कदम उठाए जाएंगे, जिसमें प्रदूषण मुक्त दिल्ली और यमुना रिवर फ्रंट बनाना प्राथमिकता होगी।”
महिलाओं के वादों को पूरा करना
चुनाव के दौरान बीजेपी ने महिलाओं वोटर्स को लुभाने के लिए कई बड़े वादे किए थे। दिल्ली सीएम के रूप में अब महिला सीएम होने से महिलाओं को उम्मीद अधिक रहेगी। चुनाव के समय महिलाओं से को प्रति माह 2500 रुपए देने का वादा किया है। इसके साथ ही होली और दीपावली पर 500 रुपए में सिलेंडर भी देने का वादा किया था। चुनाव के समय सियासी दल महिला वोटर्स की समस्याओं और उनकी जरूरतों का ध्यान रख रहे थे। यह एक तरह से महिला सशक्तिकरण को मजबूती देने का वादा था। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये वादे और योजनाएं जमीन पर उतर पाएंगी।
बिजली में सब्सिडी को जारी रखना
इसके अलावा केजरीवाल सरकार की कई फ्री स्कीम को जारी रखना भी भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगी। इसमें महिलाओं को फ्री बस यात्रा से लेकर बिजली में सब्सिडी और मुफ्त पानी में सब्सिडी को जारी रखना। बता दें अरविंद केजरीवाल ने चुनाव के दौरान यह कहा था कि बीजेपी आती है, तो महिलाओं को सरकारी बसों में फ्री यात्रा बंद कर देगी। अब बीजेपी ने महिला सीएम बनाकर महिला वोटर्स को बड़ा सन्देश दिया हैं।