दिल्ली को आज आखिरकार नया मुख्यमंत्री मिल गया है। बीजेपी की बड़ी जीत के बाद शालीमार बाग से पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता ने रामलीला मैदान में भव्य समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे।
रेखा गुप्ता पहली बार विधायक बनी हैं, हालांकि इससे पहले वह तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। राजनीति में उनका अनुभव गहरा है, क्योंकि वह तीन बार एमसीडी की पार्षद भी रह चुकी हैं।
संगठन में भी उनकी मजबूत पकड़ है। वह बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और पहले डूसू (दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ) की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
रेखा गुप्ता का रिश्ता आरएसएस से बचपन से ही जुड़ा रहा है। संघ प्रचारक प्रेम जी गोयल के मार्गदर्शन में उन्होंने नेतृत्व कौशल विकसित किया। उनकी राजनीतिक यात्रा छात्र राजनीति से शुरू हुई। एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) से जुड़कर राजनीति में कदम रखा।
1994 में वह दौलत राम कॉलेज की सचिव बनीं, 1995 में डीयू छात्र संघ की सचिव का पद संभाला और 1996 में अध्यक्ष चुनी गईं।
रेखा गुप्ता 2003-2004 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) की सचिव रहीं और 2004-2006 में इसकी राष्ट्रीय सचिव बनीं। 2007 और 2012 में उन्होंने पीतमपुरा उत्तर (वार्ड 54) से पार्षद का चुनाव जीता। हालांकि, 2015 और 2020 में वे शालीमार बाग से विधानसभा चुनाव हार गईं। 2022 में, वे शालीमार बाग-बी (वार्ड 56) से फिर से एमसीडी पार्षद बनीं। 2023 में, बीजेपी ने उन्हें मेयर चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया, लेकिन आम आदमी पार्टी की शैली ओबरॉय से हार गईं।
जानिए दिल्ली के नए मंत्रियों को
कौन हैं प्रवेश वर्मा?
प्रवेश वर्मा का राजनीति से गहरा नाता है। वे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर.के. पुरम से की और फिर किरोड़ीमल कॉलेज से आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद, 1999 में उन्होंने कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया स्थित स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से इंटरनेशनल बिज़नेस में एमबीए किया।
प्रवेश वर्मा ने 2013 में राजनीति में कदम रखा। उस समय उन्होंने बीजेपी के टिकट पर महरौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता योगानंद शास्त्री को हराया। इसके बाद 2014 और 2019 में वे पश्चिमी दिल्ली से सांसद चुने गए। उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भी एक चुनाव में 4 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
मनजिंदर सिंह सिरसा
मनजिंदर सिंह सिरसा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता हैं, जिन्हें राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया था। 52 वर्षीय सिरसा ने इस सीट पर 55.8% वोट हासिल कर 18,190 वोटों से जीत दर्ज की थी।
बीजेपी में शामिल होने से पहले, वह शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सदस्य थे। उन्होंने 2013-2015 और 2017-2020 के बीच दिल्ली विधानसभा में विधायक के रूप में काम किया। दिसंबर 2021 में उन्होंने शिअद छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके बाद, उन्हें दिल्ली की बीजेपी सरकार में मंत्री बनाया गया।
कपिल मिश्रा
कपिल मिश्रा, जो पहले आम आदमी पार्टी में थे, अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए हैं। वे करावल नगर सीट से विधायक बने हैं। बीजेपी ने इस बार सिटिंग विधायक का टिकट काटकर कपिल मिश्रा को मौका दिया था। उनका नाम खासतौर पर तब चर्चा में आया जब दिल्ली में दंगे हुए थे। वे एक हिंदूवादी नेता के रूप में जाने जाते हैं। कपिल मिश्रा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंबेडकर कॉलेज से बीए किया है और उसके बाद सोशल वर्क में एमए की डिग्री ली है।
मई 2017 में कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। उनके इन आरोपों से पार्टी में हड़कंप मच गया था, हालांकि ये आरोप कभी साबित नहीं हो सके। इसके बाद पहले उन्हें मंत्री पद से हटाया गया और फिर पार्टी से निकाल दिया गया। आखिरकार, 17 अगस्त 2019 को उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली।
आशीष सूद
जनकपुरी से विधायक बने आशीष सूद ने आज मंत्री पद की शपथ ली। वह दिल्ली में पंजाबी समुदाय का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। यह उनका पहला कार्यकाल है, और अब वह मंत्री बनने जा रहे हैं।
आशीष सूद ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से की थी। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़े रहे हैं। उन्होंने युवा मोर्चा में अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं और पार्टी के लिए जम्मू-कश्मीर और गोवा जैसे राज्यों में भी काम किया है।
रविंद्र इंद्रराज
बीजेपी ने जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए दलित नेता रविंद्र इंद्रराज सिंह को मंत्री बनाया है। उन्होंने बवाना विधानसभा सीट से शानदार जीत दर्ज की और आम आदमी पार्टी के जय भगवान उपकार को 31,475 वोटों से हराया। यह उनकी पहली जीत है और वे बवाना सुरक्षित सीट से विधायक बने हैं। इंद्रराज ने अपनी पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से पूरी की है।
पंकज सिंह
विकासपुरी सीट से पंकज सिंह ने जीत हासिल कर न सिर्फ अपना खाता खोला, बल्कि बीजेपी को भी यहां पहली बार जीत दिलाई। उन्होंने आम आदमी पार्टी के महेंद्र यादव को 12,876 वोटों के अंतर से हराया। पंकज सिंह पूर्वांचली ठाकुर समुदाय से आते हैं, और बीजेपी ने उनके जरिए पूर्वांचली वोटर्स को साधने की कोशिश की है।
यह भी पढ़े:
- दिल्ली को क्यों पसंद है महिला मुख्यमंत्री? सुषमा-शीला-आतिशी के बाद रेखा बनेंगी सीएम, 6 मंत्रियों के साथ लेंगी शपथ
- रेखा गुप्ता बनीं दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री, प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा समेत 6 मंत्रियों ने भी ली शपथ
- ‘सबकी सहमति से चुनी गई मुख्यमंत्री, ये किसी एक का निर्णय नहीं’, रेखा गुप्ता के पति ने कही बात