Rekha Gupta

Rekha Gupta: कैसे शुरू हुआ दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता का सियासी सफर ? देखें फोटो एल्बम…

Rekha Gupta: हाल ही में रेखा गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। रेखा गुप्ता दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री बनी है, वहीं वे चौथी महिला मुख्यमंत्री के रूप में दिल्ली की कमान संभालेंगी। दिल्ली की शालीमार बाग़ सीट से पहली बार विधायक बनी रेखा गुप्ता ने गुरूवार को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

बता दें, इससे पहले शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज, और आतिशी दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। महिला को मुख्यमंत्री की कमान देने के लिए बीजेपी के इस कदम को लोगों की काफी प्रशंसा मिल रही है। बीजेपी की तरफ से रेखा दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।

छात्र राजनीति से राजनैतिक करियर की हुई शुरुआत

रेखा गुप्ता छात्र नेता के तौर पर राजनीति में उतरी। इस सफर में उन्हें कई बार असफलताओं का मुँह देखना पड़ा। उन्होंने 1992 से छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत की। रेखा ने भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति की दुनिया में कदम रखा।

आरएसएस से पुराना नाता

हरियाणा में जन्मी और दिल्ली में पली-बढ़ी रेखा बचपन से ही राजनीति में रुचि रखती हैं। छात्र राजनीति में एक्टिव रहने के बाद वे बीजेपी में शामिल हुई, जिसके बाद वे सरकार और संगठन के विभिन्न पदों पर कार्यरत रहीं। इसके अलावा वे आरएसएस से 32 साल तक जुड़ी रहीं। इतना ही नहीं रेखा गुप्ता 1995-96 में वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की सचिव और 1996-97 में इसकी अध्यक्ष रहीं। साल 2002 में वह भाजपा में शामिल हुईं और पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय सचिव के रूप में भागीदारी निभाई।

पीतमपुरा से रह चुकी हैं, पार्षद

साल 2007 में रेखा गुप्ता उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद रह चुकी है। जिसके बाद उन्होंने महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए काम किया। उन्होंने सुमेधा योजना जैसी पहल शुरू की, जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा करने में मदद मिली। वह तीन बार शालीमार बाग से पार्षद चुनी गई।

इसके अलावा वे नगर निकाय की महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की प्रमुख के रूप में उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण के सक्रिय रही हैं। वह भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं।

आसान नहीं रहा सफर

रेखा गुप्ता को 2015 में आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी ने करीब 11 हजार वोटों से शिकस्त खानी पड़ी थी। लेकिन 2020 में एक बार उन्हें फिर हार का मुँह देखना पड़ा लेकिन इस बार अंतर 3400 वोट के करीब था। जिसके बाद 2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने वंदना कुमारी को बड़े अंतर से हरा दिया, और सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी का दावा किया। कई बार हार का सामना करने के बाद रेखा गुप्ता आज दिल्ली की मुख्यमंत्री के पद पर बैठी हैं।

रेखा गुप्ता की निजी जिंदगी

दिल्ली विधानसभा की सीट से विधायकी जीतने वाली रेखा गुप्ता सादगी से जीवन जीती हैं। उनकी सादगी और सहजता के लोग इस कदर कायल हुए की उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचा दिया। बता दें, रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता पेशे से एक बिजनेसमैन हैं। उनके दो बच्चे हैं, जिनमें से बेटा निकुंज गुप्ता और बड़ी बेटी हर्षिता गुप्ता है।

आपको बता रेखा परिवार के साथ दिल्ली के नंदगढ़ गांव में रहती हैं। पढाई की बात करें तो, रेखा गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से एलएलबी की डिग्री ली है। रेखा के पति भले ही राजनीति से दूरी रखतें हो, लेकिन वो रेखा को को पूरी तरह से सपोर्ट करते हैं।

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