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प्रवेश वर्मा नहीं बन पाए दिल्ली के सीएम, रेखा गुप्ता को क्यों मिली प्राथमिकता, जानें पूरा सियासी समीकरण

रेखा गुप्ता की अगुवाई में नई सरकार ने शपथ ले ली है। चुनावी नतीजे के बाद 11 दिन तक मंथन चला. उसके बाद मुख्यमंत्री के लिए रेखा गुप्ता के नाम पर मंजूरी के साथ ही मंत्रिमंडल के लिए 6 विधायकों के नाम पर फाइनल मुहर लगाई। गुरूवार सुबह सीएम और मंत्रिमंडल में शामिल विधायकों ने शपथ ली। बुधवार को सुबह से दिल्ली के सीएम को लेकर कई चर्चा सामने आ रही थी। आखिरी समय तक प्रवेश वर्मा का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहा था। लेकिन फिर अचानक विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता का नाम तय किया गया।

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बीजेपी ने अबकी बार लंबी सियासी पारी खेलने का मन बनाया है। हालांकि अरविन्द केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा को मंत्रिमंडल से संतोष करना पड़ा। सीएम के लिए भाजपा ने कई कारणों को ध्यान में रखते हुए रेखा गुप्ता को प्राथमिकता दी। चलिए जानते हैं वो कौनसे कारण रहे जिसके चलते रेखा गुप्ता को सीएम चुना गया…

भाजपा ने साधा जातीय समीकरण

रेखा गुप्ता का नाम सीएम की रेस में बुधवार से तेज़ी से आगे बढ़ने लगा था। रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगाकर भाजपा ने जातीय समीकरण साधा हैं। इसके साथ ही भाजपा ने अपने कोर वोटबैंक वैश्य समाज को साधने की कवायद की। हिंदी बेल्ट में कई ज्यादातर राज्यों में भाजपा की सरकार बन गई हैं। इन राज्यों में वैश्य समाज भाजपा का कोर वोटर माना जाता हैं। लेकिन एक्स बावजदू किसी भी राज्य में वैश्य समाज से सीएम नहीं था, ऐसे में अब केजरीवाल की जगह एक बार फिर बनिया समाज से आने वाली रेखा गुप्ता को ये बड़ी जिम्मेदारी सौंपी हैं।

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रेखा गुप्ता को क्यों मिली प्राथमिकता..?

प्रवेश वर्मा को सीएम की रेस में सबसे आगे माना जा रहा था। लेकिन उनको अब मंत्रिमंडल में शामिल किया गया हैं, जबकि सीएम के रूप में रेखा गुप्ता का नाम चुना हैं। रेखा गुप्ता को दिल्ली की सीएम के लिए मिली प्राथमिकता के पीछे कई बड़े कारण माने जा रहे हैं। अरविंद केजरीवाल के सियासी पिच में उतरने के बाद वैश्य समाज का बड़ा हिस्सा बीजेपी से छिटक गया था। अब वैश्य समाज को वापस भाजपा अपने साथ लाने के लिए रेखा गुप्ता को सीएम बनाया हैं।

महिलाओं को दिया सियासी संदेश

रेखा गुप्ता को सीएम बनाने के पीछे भाजपा की बड़ी स्ट्रैटेजी बताई जा रही हैं। दिल्ली में भाजपा की वापसी के पीछे महिला वोटर्स का योगदान सबसे अहम माना जा रहा हैं। ऐसे में भाजपा दिल्ली में जनता को महिलाओं से किए वादे निभाने के लिए महिला मुख्यमंत्री बनाकर बड़ा सन्देश दिया हैं। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता आने वाले समय में दिल्ली की महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर विशेष दे सकती है। इसके अलावा भाजपा ने इस समय किसी राज्य में महिला सीएम नहीं बनाया था। दिल्ली में ऐसा करके देशभर में महिला वोटर्स को भी एक बड़ा सियासी संदेश दिया हैं।

रेखा गुप्ता के पास राजनीति का ज्यादा अनुभव

प्रवेश वर्मा दिल्ली की राजनीति का एक बड़ा नाम हैं। प्रवेश वर्मा ने इस चुनाव में पूर्व सीएम अरविन्द केजरीवाल को हराया था। उसके बाद से उनका नाम सीएम की रेस में सबसे आगे चल रहा था। लेकिन विधायक दल की बैठक में उनके नाम की जगह रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगी। बता दें इसके पीछे राजनीति के जानकार मानते हैं कि प्रवेश वर्मा का राजनीतिक सफर 2012 से शुरू हुआ था। जबकि रेखा गुप्ता ने 2002 में ही भाजपा ज्वाइन कर ली थी। ऐसे में अनुभव के आधार पर भी रेखा गुप्ता का नाम आगे आया।

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