पहले बेटी गंवाई, अब डेथ सर्टिफिकेट के लिए लगा रहे चक्कर: आरजी कर मामले में पिता का छलका दर्द

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में बलात्कार और हत्या की शिकार हुई युवा महिला डॉक्टर के माता-पिता अब एक नई मुश्किल से जूझ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी की मौत के छह महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोलकाता नगर निगम (KMC) ने उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र (डेथ सर्टिफिकेट) जारी नहीं किया है।

केएमसी और अस्पताल के बीच जिम्मेदारी का पिंग-पोंग

पीड़िता के माता-पिता ने बताया कि केएमसी ने उन्हें कहा था कि मृत्यु प्रमाण पत्र आरजी कर अस्पताल के अधिकारी जारी करेंगे। वहीं, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यह केएमसी की जिम्मेदारी है। इस तरह दोनों संस्थाओं के बीच जिम्मेदारी का पिंग-पोंग चल रहा है, जबकि पीड़िता के परिवार को न्याय और सहायता की उम्मीद है।
पानीहाटी नगर पालिका ने दाह संस्कार प्रमाण पत्र जारी कर दिया है, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र के बिना परिवार को कानूनी और वित्तीय मामलों में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

क्या है पूरा मामला?

पिछले साल 9 अगस्त को 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर का शव आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में अर्धनग्न हालत में मिला था। इस घटना ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया था। महिला डॉक्टर की मौत के बाद बड़े पैमाने पर जन आक्रोश फैल गया और देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए। सीबीआई ने इस मामले की जांच की और कोलकाता पुलिस के एक नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। 20 जनवरी को ट्रायल कोर्ट ने संजय रॉय को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई। हालांकि, सीबीआई ने मौत की सजा की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने आजीवन कारावास का फैसला सुनाया।

परिवार को अभी भी न्याय की उम्मीद

पीड़िता के माता-पिता का कहना है कि उन्हें अभी भी पूरा न्याय नहीं मिला है। उनका आरोप है कि इस मामले में और भी आरोपी हैं, जिन्हें बचाया जा रहा है। परिवार ने कहा, “हमारी बेटी को न्याय मिलना चाहिए। सिर्फ एक आरोपी को सजा मिलने से हम संतुष्ट नहीं हैं। हम चाहते हैं कि सभी दोषियों को सजा मिले।”

मृत्यु प्रमाण पत्र का इंतजार

पीड़िता के माता-पिता ने बताया कि केएमसी ने उन्हें कहा था कि आरजी कर अस्पताल के अधिकारी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करेंगे। हालांकि, अस्पताल प्रशासन का कहना है कि केएमसी को यह प्रमाण पत्र जारी करना चाहिए। इस बीच, परिवार को कानूनी और वित्तीय मामलों में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पीड़िता के पिता ने कहा, “हमने अपनी बेटी खो दी है। अब हमें उसका मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भी चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। यह हमारे दर्द को और बढ़ा रहा है।”

केएमसी की जिम्मेदारी

केएमसी नियमों के अनुसार, अस्पताल में होने वाली सभी मौतों के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना उनकी जिम्मेदारी है, जिसमें लाए गए मृत मामले भी शामिल हैं। हालांकि, इस मामले में केएमसी और अस्पताल प्रशासन के बीच जिम्मेदारी को लेकर विवाद बना हुआ है।

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