Manipur violence

7 दिन में सरेंडर या कार्रवाई! मणिपुर में राज्यपाल की चेतावनी के बाद मैतेई ग्रुप ने डाले हथियार

मणिपुर में मैतेई ग्रुप अरामबाई टेंगगोल ने राज्य सरकार को 246 हथियार सरेंडर कर दिए हैं। यह सरेंडर गुरुवार को उस समय किया गया जब सरकार द्वारा तय की गई समय सीमा खत्म होने वाली थी। इससे पहले, मंगलवार को इस ग्रुप के सदस्यों ने राज्यपाल अजय भल्ला से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में राज्यपाल ने उन्हें भरोसा दिया कि जो लोग हथियार सरेंडर करेंगे, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।

मैतेई ग्रुप ने सिर्फ अवैध हथियार ही नहीं, बल्कि सुरक्षाबलों की वर्दी, जूते, हेलमेट और प्रोटेक्शन जैकेट भी सरकार को सौंप दिए हैं।

दरअसल, मणिपुर में लंबे समय से जातीय हिंसा चल रही है। इसे खत्म करने के लिए राज्यपाल ने लूटे गए या अवैध रूप से रखे गए हथियारों को सात दिनों के भीतर सरेंडर करने की अपील की थी। इसी अपील के बाद अब मैतेई ग्रुप ने अपने 246 अवैध हथियार सरेंडर कर दिए हैं।

सरकार के सामने क्या रखी शर्ते?

मंगलवार को अरामबाई टेंगगोल सांस्कृतिक संगठन की एक टीम ने मणिपुर के राज्यपाल से राजभवन में मुलाकात की। इस टीम में संगठन के कमांडर-इन-चीफ टायसन न्गांगबाम (उर्फ कोरोंगनबा खुमान), जनसंपर्क अधिकारी रॉबिन मंगंग खवाईराकाम और दो अन्य सदस्य शामिल थे।

करीब एक घंटे तक बंद कमरे में हुई इस बैठक के बाद, रॉबिन ने मीडिया को बताया कि उनकी टीम ने राज्यपाल के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।

उन्होंने यह भी बताया कि राज्यपाल ने संगठन से अवैध हथियार सरेंडर करने की अपील की। इस पर संगठन ने कुछ शर्तें रखीं और कहा कि यदि सरकार इन शर्तों को पूरा करती है, तो वे अपने हथियार सरेंडर करने को तैयार हैं।

7 दिनों में अवैध हथियार सरेंडर करें: राज्यपाल

राज्यपाल अजय भल्ला ने 20 फरवरी को राज्य के सभी समुदायों से अपील की कि जो भी लोगों के पास लूटे गए अवैध हथियार हैं, वे अगले 7 दिनों के अंदर उन्हें सरेंडर कर दें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जो लोग हथियार जमा करेंगे, उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी।

उन्होंने खासतौर पर घाटी और पहाड़ी इलाकों के युवाओं से आग्रह किया कि वे बिना किसी डर के निकटतम पुलिस स्टेशन, चौकी या सुरक्षाबलों के कैंप में जाकर अपने हथियार और गोला-बारूद जमा कर दें।

गौरतलब है कि 3 मई 2023 को हिंसा भड़कने के बाद बिष्णुपुर और चुराचांदपुर की सीमा से सटे तोरबंग गांव में हथियारबंद लोग प्रदर्शन करते देखे गए थे। इसके बाद, राज्य के शस्त्रागार, पुलिस स्टेशनों और चौकियों से बड़ी संख्या में हथियार लूट लिए गए। अब तक 6,000 से ज्यादा हथियार लूटे जा चुके हैं, जिनमें से करीब 2,500 बरामद किए जा चुके हैं। सरकार की अपील है कि लोग आगे आकर हथियार सरेंडर करें, ताकि शांति और सुरक्षा बहाल हो सके।

 

यह भी पढ़े: