Delhi Assembly On CAG Report: दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को CAG की दूसरी रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के स्वास्थ्य क्षेत्र के कामकाज पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कोविड मैनेजमेंट, अस्पतालों की स्थिति, मोहल्ला क्लीनिक और स्वास्थ्य बजट के इस्तेमाल को लेकर कई खुलासे हुए हैं।
कोविड़ मैनेजमेंट पर सवाल
रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार से दिल्ली को 787.91 करोड़ रुपये का फंड मिला था, लेकिन AAP सरकार ने इसमें से केवल 582.84 करोड़ रुपये ही खर्च किए। रिपोर्ट में बताया गया कि स्टाफ बढ़ाने के लिए आवंटित 52 करोड़ रुपये में से केवल 30.52 करोड़ रुपये ही खर्च हुए। वहीं, दवाइयों, PPE किट्स और मास्क के लिए आवंटित 119.85 करोड़ रुपये में से सिर्फ 83.14 करोड़ रुपये का ही इस्तेमाल किया गया।
अस्पतालों की स्थिति पर चिंता
CAG की दूसरी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016-17 की बजट स्पीच में दिल्ली सरकार ने 10,000 नए अस्पताल बेड जोड़ने का वादा किया था, लेकिन 2016-17 से 2020-21 के बीच केवल 1,357 बेड ही जोड़े गए। इसके अलावा 8 नए अस्पतालों के निर्माण की योजना थी, जिनमें से केवल 3 ही पूरी तरह से तैयार हो पाए। बाकी अस्पतालों के पूरा होने में अभी 6 साल और लग सकते हैं।
क्लीनिकों में स्टाफ की कमी
CAG की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2022 तक दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग में कुल 5,911 पद खाली थे। इनमें डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर में 3,268, डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज में 1,532, स्टेट हेल्थ मिशन में 1,036 और ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट में 75 पद खाली थे। इसके अलावा, प्रमुख अस्पतालों जैसे मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और लोकनायक अस्पताल में भी सैकड़ों पद खाली पड़े हैं।
अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं की भी कमी
रिपोर्ट में यह बताया गया है कि दिल्ली के 27 अस्पतालों में से 14 में ICU की सुविधा नहीं है। 16 अस्पतालों में ब्लड बैंक नहीं है, जबकि 8 अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा तक नहीं है। इसके अलावा, 15 अस्पतालों में मॉर्चुरी और 12 में एंबुलेंस की सुविधा नहीं है।
मोहल्ला क्लीनिक समेत AYUSH डिस्पेंसरी की हालत
CAG की दूसरी रिपोर्ट में मोहल्ला क्लीनिक और AYUSH डिस्पेंसरी की स्थिति पर भी सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 21 मोहल्ला क्लीनिक में टॉयलेट नहीं हैं, 15 में पावर बैकअप की सुविधा नहीं है, और 6 में चेकअप के लिए टेबल तक नहीं है। इसी तरह, AYUSH डिस्पेंसरी में भी बुनियादी सुविधाओं की कमी पाई गई। 49 में से 17 डिस्पेंसरी में पावर बैकअप नहीं है, 7 में टॉयलेट नहीं है, और 14 में पीने के पानी की सुविधा नहीं है।
स्वास्थ्य बजट का अपूर्ण इस्तेमाल
बता दें कि रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2021-22 के बजट में AAP सरकार ने अपने कुल बजट का केवल 12.51% स्वास्थ्य के लिए आवंटित किया था। इसके अलावा, दिल्ली की GDP का महज 0.79% ही स्वास्थ्य पर खर्च किया गया, जबकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में GDP का कम से कम 2.5% स्वास्थ्य पर खर्च करने की सलाह दी गई है।
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