दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में शांति बहाली और सुरक्षा स्थिति को लेकर एक हाई-लेवल मीटिंग की। इस बैठक में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, सीआरपीएफ के डीजी जीपी सिंह, एसएसबी और एनएसजी के डीजी समेत कई बड़े अधिकारी शामिल हुए। बैठक में मणिपुर में जबरन वसूली, नशे के कारोबार और अवैध हथियारों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
नशे के कारोबार पर सख्ती
गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर को नशा मुक्त बनाने के लिए नशे के कारोबार में शामिल पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के निर्देश दिए। साथ ही, मणिपुर से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आवाजाही के लिए चिन्हित प्रवेश स्थानों के दोनों तरफ बाड़ लगाने का भी फैसला किया गया। इससे नशे के कारोबार पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
8 मार्च से मुक्त आवाजाही का निर्देश
शाह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 8 मार्च, 2025 से मणिपुर के सभी रास्तों पर जनता की मुक्त आवाजाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही, रास्ते में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का भी आदेश दिया गया।
अवैध हथियारों की वापसी पर जोर
बैठक में मणिपुर में विभिन्न समूहों के पास मौजूद अवैध और लूटे गए हथियारों को पुलिस को सौंपे जाने की प्रक्रिया पर भी चर्चा हुई। राज्यपाल भल्ला ने पहले ही अवैध हथियारों को वापस करने की अपील की थी, जिसके बाद 300 से अधिक हथियार पुलिस को लौटाए गए हैं। अब इसकी समयसीमा को 6 मार्च शाम 4 बजे तक बढ़ा दिया गया है।
राष्ट्रपति शासन के बाद पहली बड़ी बैठक
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में कोई भी पार्टी सरकार बनाने के लिए आगे नहीं आई। इसके बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद यह पहली बड़ी बैठक थी, जिसमें राज्य की सुरक्षा और शांति बहाली पर चर्चा हुई।
Chaired a review meeting on the security situation in Manipur today.
Directed to ensure free movement on all routes in Manipur from the 8th of March and strict action against those creating obstructions. All cases of extortion to be dealt with continued harshness, and the work… pic.twitter.com/AAIFpcfxGt
— Amit Shah (@AmitShah) March 1, 2025
मणिपुर में हिंसा का इतिहास
मणिपुर में मई 2023 से इंफाल घाटी में मेइती और कुकी समूहों के बीच हुई हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोगों को राज्य से पलायन करना पड़ा। इस हिंसा के दौरान पुलिस से कई हजार हथियार लूटे गए थे, जो अब तक विभिन्न समूहों के पास मौजूद हैं।
राज्यपाल की पहल
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए विभिन्न समूहों और संगठनों के साथ कई बैठकें की हैं। उन्होंने लोगों से अवैध हथियार वापस करने की अपील की और आश्वासन दिया कि इस दौरान हथियार लौटाने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
विपक्ष का हमला
विपक्षी पार्टियां मणिपुर में हिंसा को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रही हैं। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने संसद में इस मुद्दे को उठाया है। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने हिंसा रोकने में देरी की और मुख्यमंत्री को घटना के तुरंत बाद इस्तीफा देना चाहिए था।
राहुल गांधी का दौरा
कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा किया था। उन्होंने राज्य की स्थिति पर चिंता जताई और केंद्र सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की।
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