रमजान शुरू होते ही इजराइल ने रोकी गाजा की मदद, हमास ने विश्व नेताओं से लगाई गुहार

रमजान का पवित्र महीना शुरू होते ही इजराइल ने गाजा पट्टी में सभी तरह की मानवीय सहायता रोक दी है। यह कदम इजराइल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौते के पहले चरण के पूरा होने और दूसरे चरण पर सहमति न बनने के बाद उठाया गया है। इससे पहले इजराइल ने अमेरिका के उस प्रस्ताव को मान लिया था, जिसमें कुछ बंधकों के बदले रमजान तक युद्ध विराम बढ़ाने की बात कही गई थी। लेकिन अब इजराइल ने मानवीय सहायता रोककर एक बार फिर युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन किया है।

गाजा वासियों पर मंडराया संकट

इजराइल के इस कदम से गाजा वासियों की जिंदगी फिर से संकट में आ गई है। पिछले 15 महीनों से जारी इजराइली हमलों ने गाजा को तबाह कर दिया है। यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं जैसे दवाएं, खाना और पानी के लिए भी बाहरी मदद पर निर्भर हैं। रमजान के इस पवित्र महीने में गाजा वासियों को सहायता पहुंचाने का एकमात्र रास्ता बाहरी मदद ही है, जो इजराइल की इजाजत के बिना मुश्किल हो गया है।

हमास ने दी तीखी प्रतिक्रिया

हमास ने इजराइल के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। हमास ने कहा कि नेतन्याहू सरकार का यह फैसला ब्लैकमेल का एक घटिया कदम है और यह एक युद्ध अपराध है। हमास ने यह भी कहा कि यह कदम युद्ध विराम और कैदी विनिमय समझौते का साफ उल्लंघन है। हमास ने मध्यस्थों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे इजराइल सरकार पर दबाव डालें ताकि गाजा के 20 लाख से ज्यादा लोगों के खिलाफ दंडात्मक और अनैतिक उपायों को रोका जा सके।

युद्ध विराम के दूसरे चरण पर जोर

हमास ने युद्ध विराम समझौते के दूसरे चरण को लागू करने पर जोर दिया है। हमास गाजा के पुनर्निर्माण पर जोर दे रहा है और इजराइल की पूरी वापसी की मांग कर रहा है। साथ ही, हमास ने कहा है कि इजराइल बंधकों की वापसी के लिए स्थायी युद्ध विराम जरूरी है।

इजराइल का पहले चरण बढ़ाने का ऐलान

इससे पहले इजराइल ने ऐलान किया था कि उसने युद्ध विराम के पहले चरण को अप्रैल के मध्य तक बढ़ाने के अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। लेकिन दूसरे चरण के लिए वार्ता कामयाब नहीं हो सकी है। इजराइल ने मानवीय सहायता रोककर एक बार फिर युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन किया है।

गाजा वासियों की हालत दयनीय

गाजा पट्टी में लगातार हो रहे इजराइली हमलों ने यहां के लोगों की जिंदगी को दयनीय बना दिया है। यहां के लोगों को दवाएं, खाना और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी बाहरी मदद पर निर्भर रहना पड़ रहा है। रमजान के इस पवित्र महीने में गाजा वासियों को सहायता पहुंचाने का एकमात्र रास्ता बाहरी मदद ही है, जो इजराइल की इजाजत के बिना मुश्किल हो गया है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील

हमास ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे इजराइल सरकार पर दबाव डालें ताकि गाजा के 20 लाख से ज्यादा लोगों के खिलाफ दंडात्मक और अनैतिक उपायों को रोका जा सके। हमास ने कहा है कि पहले चरण को बढ़ाने को लेकर नेतन्याहू का बयान समझौते से बचने और दूसरे चरण की बातचीत से भागने की एक साफ कोशिश है।

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