Abu Azmi Controversy: समाजवादी पार्टी (SP) के नेता और महाराष्ट्र विधानसभा के विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब को “महान” बताकर एक बड़ा विवाद (Abu Azmi Controversy) खड़ा कर दिया है। हालांकि बबाल के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया है। आजमी ने दावा किया कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज या संभाजी महाराज के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की।
मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। औरंगज़ेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है जो इतिहासकरों और लेखकों ने कहा है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरषों के बारे में कोई अपमानजनक टिपण्णी नहीं की है – लेकिन फिर भी मेरी इस बात से कोई… pic.twitter.com/k7PY0ICe3b
— Abu Asim Azmi (@abuasimazmi) March 4, 2025
आजमी के बयान पर मचा सियासी बबाल
अबू आजमी ने मुंबई में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि इतिहास में औरंगजेब को जिस तरह से दिखाया गया है, वह पूरी तरह तथ्यों पर आधारित नहीं है। उन्होंने दावा किया कि औरंगजेब ने कई मंदिरों का निर्माण करवाया था और वह एक क्रूर शासक नहीं थे। जब उनसे पूछा गया कि क्या संभाजी महाराज के प्रति उनका रवैया क्रूर था, तो उन्होंने इसे सत्ता संघर्ष करार दिया और कहा कि यह हिंदू-मुसलमानों के बीच संघर्ष नहीं था।
अबू के बयान पर भड़की शिवसेना और भाजपा
शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने अबू के बयान को “राष्ट्र-विरोधी” करार देते हुए कहा कि औरंगजेब को अच्छा प्रशासक कहना पाप है। उन्होंने आजमी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की। वहीं BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने अबू को लताड़ लगाते हुए कहा कि औरंगजेब का महिमामंडन करना भारतीय समाज के लिए अपमानजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा के प्रति नफरत को दर्शाता है।
अबू आजमी को वापिस लेना पड़ा बयान
बढ़ते विवाद के बाद अबू आजमी ने सफाई देते हुए कहा कि उनके शब्दों को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। अगर मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।”
औरंगजेब पर विवाद क्यों?
औरंगजेब भारतीय इतिहास का एक विवादास्पद शासक है। कुछ इतिहासकार उसे एक क्रूर और सख्त इस्लामी शासक मानते हैं, जिसने हिंदू मंदिरों को ध्वस्त किया और हिंदुओं पर जजिया कर लगाया। वहीं, कुछ इतिहासकार उसे एक सक्षम प्रशासक मानते हैं, जिसने सत्ता के लिए अपने भाइयों के खिलाफ युद्ध लड़ा।
यह भी पढ़ें:
संभल मस्जिद है ‘विवादित ढांचा’?.. इलाहाबाद HC ने आदेश में लिखा, 10 मार्च को होगी अगली सुनवाई
दिल्ली में BJP विधायकों का खास कोड ‘NM 48’, जानिए क्या है इसका मतलब और क्यों है खास?