होली से पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत में बड़ा धमाका करने की साजिश रची थी। इसके लिए उसने उत्तर प्रदेश में स्लीपर सेल का एक नेटवर्क खड़ा किया था। लेकिन यूपी एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) ने इस साजिश को नाकाम कर दिया है। एटीएस ने आजमगढ़ से लेकर मेरठ तक छापेमारी करके कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इन संदिग्धों पर आईएसआई के इशारे पर बड़ा धमाका करने का आरोप है।
क्या है पूरा मामला?
यूपी एटीएस को खुफिया जानकारी मिली थी कि पाकिस्तान की आईएसआई ने उत्तर प्रदेश में स्लीपर सेल का एक नेटवर्क तैयार किया है। इस नेटवर्क के जरिए वह भारत में बड़ा आतंकी हमला करना चाहती थी। एटीएस ने इस जानकारी को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के 60 से ज्यादा जिलों में छापेमारी शुरू की। इस दौरान मेरठ, गाजियाबाद, आजमगढ़, मऊ और बलिया जैसे जिलों में कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।
संदिग्धों की पहचान और पूछताछ
एटीएस के मुताबिक, इस स्लीपर सेल के दो मुख्य लीडर आजमगढ़ और मेरठ से हैं। इन दोनों को एटीएस ने हिरासत में ले लिया है। पूछताछ में पता चला है कि इन लीडर्स को पाकिस्तान से एक हैंडलर दिशा-निर्देश दे रहा था। इस हैंडलर ने इन संदिग्धों को भारत में बड़ा धमाका करने का आदेश दिया था।
एटीएस ने संदिग्धों के सगे संबंधियों और दोस्तों को भी निशाने पर लिया है। इन सभी की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। पूछताछ में यह भी पता चला है कि संदिग्धों के पास मर्चेंट नेवी से जुड़ी कई खुफिया जानकारी थी, जिसे वे
अपने हैंडलर तक पहुंचा चुके थे।
समुद्री रास्ते से हमले की आशंका
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, कई संदिग्ध समुद्री रास्ते और मर्चेंट नेवी के जहाजों की अच्छी जानकारी रखते हैं। इन संदिग्धों ने इंडियन नेवी में हाई लेवल परीक्षा की तैयारी भी की थी। ऐसा माना जा रहा है कि ये लोग समुद्री रास्ते से हमला करने की योजना बना रहे थे। पूछताछ के दौरान संदिग्धों के पास से कई अहम दस्तावेज और ईमेल बरामद हुए हैं। इन दस्तावेजों से पता चलता है कि संदिग्ध अपने हैंडलर के संपर्क में थे और उनसे निर्देश ले रहे थे।
एटीएस की बड़ी कार्रवाई
यूपी एटीएस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है। प्रदेश के 60 से ज्यादा जिलों में छापेमारी करके तीन दर्जन से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इन संदिग्धों को अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर पूछताछ की जा रही है। एटीएस का मानना है कि यह नेटवर्क काफी बड़ा है और इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं। एटीएस अब इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है। संदिग्धों से मिली जानकारी के आधार पर और छापेमारी की जा सकती है। इसके अलावा, एटीएस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह नेटवर्क देश के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय है।
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