अमेरिका-चीन टैरिफ युद्ध तेज, चीन ने दी खुली धमकी: ‘जंग चाहते हैं तो वही सही’

US-China trade war: अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्ध (Trade War) एक बार फिर गर्मा गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया है, जिसके जवाब में चीन ने खुली धमकी दी है। चीन ने कहा कि अगर अमेरिका जंग चाहता है, तो वह उसके लिए तैयार है। यह टकराव अब एक व्यापार युद्ध (US-China trade war) में बदलता जा रहा है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

ट्रंप का टैरिफ हमला

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4 मार्च से चीन पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया है। इससे पहले ही अमेरिका ने चीन से आयातित वस्तुओं पर 10% टैरिफ लगाया हुआ था, जिसे अब और 10% बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। ट्रंप ने यह कदम चीन में फेंटेनाइल (एक प्रकार का नशीला पदार्थ) के अवैध उत्पादन और निर्यात को लेकर उठाया है। हालांकि, चीन ने इसे (US-China trade war) एक “बहाना” बताया है और अमेरिका पर दोष मढ़ने का आरोप लगाया है।

ट्रंप के ऐलान पर चीन का कड़ा ऐतराज

चीन ने ट्रंप के टैरिफ हमले को “ट्रेड वॉर” करार दिया है और खुली चेतावनी दी है। चीन के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “अगर अमेरिका जंग चाहता है, तो वही सही। चाहे वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो या किसी भी तरह का युद्ध, हम आखिरी सांस तक लड़ने के लिए तैयार हैं।”

चीन ने यह भी कहा कि अमेरिका की डराने-धमकाने वाली रणनीति उस पर काम नहीं करेगी। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, “धमकियों से हमें डर नहीं लगता। दबाव, धमकी या जबरदस्ती चीन से निपटने का सही तरीका नहीं है।”

चीन ने भी बढ़ाए टैरिफ

अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने के जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिया है। चीन ने अमेरिका से आने वाले गेहूं, मक्का और कपास जैसे उत्पादों पर 10 से 15% तक टैरिफ बढ़ा दिया है। इसके अलावा, चीन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 25 अमेरिकी कंपनियों पर निर्यात और निवेश प्रतिबंध भी लगा दिए हैं।

ट्रंप का पुराना रिकॉर्ड

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने चीन के खिलाफ टैरिफ युद्ध छेड़ा है। उनके पहले कार्यकाल में भी अमेरिका और चीन के बीच जबरदस्त व्यापार युद्ध (US-China trade war) चला था, जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया था। दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने एक बार फिर चीन पर कड़ा रुख अपनाया है।

यह भी पढ़ें:

ट्रंप का संसदीय संबोधन: भारत से लेकर यूक्रेन तक, जानें क्या-क्या कहा?

यूक्रेन का संकट और बढ़ा…जेलेंस्की पर इस्तीफे का दबाव, चुनाव की राह भी मुश्किल