दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के सांसद इंजीनियर रशीद को संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने याचिका पर 7 मार्च (शुक्रवार) को फैसला सुनाने का आदेश दिया है। इससे पहले कोर्ट ने 3 मार्च को एनआईए को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा था।
याचिका में क्या है दावा?
सांसद इंजीनियर रशीद की तरफ से वकील विख्यात ओबेरॉय ने 27 फरवरी को याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने रशीद को इस आधार पर राहत देने का अनुरोध किया है कि वह एक सांसद हैं और उन्हें जिन लोगों ने चुना है, उनके प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए संसद सत्र में हिस्सा लेना जरूरी है। याचिका में कहा गया कि संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू हो रहा है, जो 4 अप्रैल को खत्म होगा।
रशीद की नियमित जमानत याचिका लंबित
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने इंजीनियर रशीद को संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए दो दिन कस्टडी पेरोल पर रिहा करने की अनुमति दी थी। रशीद ने हाईकोर्ट में दाखिल जमानत याचिका 24 फरवरी को वापस ले ली थी। हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल एनआईए कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह रशीद की जमानत याचिका पर जितना जल्द हो सके सुनवाई कर फैसला करें। रशीद की नियमित जमानत याचिका फिलहाल कोर्ट में लंबित है।
इंजीनियर रशीद का राजनीतिक सफर
शेख अब्दुल रशीद को इंजीनियर रशीद के नाम से जाना जाता है। 2024 के लोकसभा चुनाव में वह बारामूला सीट से मैदान में उतरे थे। उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार और मौजूदा मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को शिकस्त दी थी। कोर्ट ने 10 सितंबर को चुनाव प्रचार के लिए रशीद को अंतरिम जमानत दी थी।
2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं रशीद
टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने रशीद को गिरफ्तार किया था। वह साल 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनका नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वताली के खिलाफ जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से फंडिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में एनआईए ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।
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