अमेरिका से शुरू हुए वैश्विक व्यापार युद्ध को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुड़े संगठनों ने भारत के लिए नए अवसर के रूप में देखा है। उनका मानना है कि देश की 140 करोड़ की आबादी, सरकार के आत्मनिर्भर भारत के प्रयास और विशाल श्रमबल मिलकर भारत को “मेक इन इंडिया फॉर ग्लोबल” के लिए उपयुक्त बना रहे हैं। मौजूदा माहौल भी इसके लिए अनुकूल है।
भारतीय उत्पादों को विश्वभर में करें प्रमोट
ट्रेड वॉर के छोटे-मोटे झटकों से उबरकर भारत अपने उत्पादों को वैश्विक बाजार में मजबूत बना सकता है। संघ संगठनों का मानना है कि इसके लिए हमें गुणवत्ता, तकनीक और कौशल को बढ़ाने के साथ-साथ अनुसंधान और विकास (R&D) पर तेजी से काम करना होगा। सरकार की जो योजना अगले 10 सालों के लिए थी, उसे अभी से लागू करने की जरूरत है, ताकि भारत दुनिया के मंच पर अपनी पकड़ और मजबूत कर सके।
लाभ-हानि पर चर्चा कर आगे की रणनीति तय करेंगे
बेंगलुरु में 21 से 23 मार्च तक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक होने वाली है। इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें ट्रेड वार (व्यापार युद्ध) भी शामिल रहेगा। संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों के विशेषज्ञ इस पर मंथन करेंगे कि यह भारत के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक, और आगे की रणनीति क्या होनी चाहिए।
संघ से जुड़े लघु उद्योग भारती, सहकार भारती, ग्राहक पंचायत, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ और स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठन देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाते हैं। ये संगठन उद्योग, कृषि, श्रम और उपभोक्ता क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, इसलिए ट्रेड वार के असर को समझकर आगे की नीति पर विचार कर रहे हैं।
अमेरिका द्वारा शुरू किए गए इस व्यापार युद्ध में भारत के लिए क्या नए मौके बन सकते हैं, इसे लेकर भी चर्चा होगी। इसी बीच, लघु उद्योग भारती ने भारतीय उद्यमियों को सलाह दी है कि जो व्यापारी अमेरिका से सीधा कारोबार कर रहे हैं, वे अन्य देशों के साथ व्यापार के नए विकल्प भी तलाशें।
खुद को मज़बूत बनाते हुए नए बाज़ारों की करनी होगी तलाश
राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा का कहना है कि ज़रूरत ही नए आविष्कार की जननी होती है। हमें खुद को मज़बूत बनाते हुए नए बाज़ारों की तलाश करनी होगी। आयात-निर्यात के लिए सिर्फ अमेरिका ही एकमात्र विकल्प नहीं है। शुरुआत में चुनौतियाँ जरूर आएंगी, लेकिन साथ ही नए अवसर भी मिलेंगे।
इसी विषय पर चर्चा के लिए 27 मार्च को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इसमें संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल के नेतृत्व में लघु उद्योग भारती, सहकार भारती, ग्राहक पंचायत, भारतीय किसान संघ और भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस बैठक में खासतौर पर अमेरिका द्वारा आयात शुल्क में बढ़ोतरी के प्रभाव पर बातचीत होगी और इसके समाधान पर विचार किया जाएगा।
बदल रहा है वर्ल्ड आर्डर
मुंबई में 11 से 13 अप्रैल के बीच लघु उद्योग भारती की अखिल भारतीय कार्यकारी समिति की बैठक होगी, जिसमें इस विषय पर चर्चा कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। संगठन के महासचिव ओम प्रकाश गुप्ता का कहना है कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। दुनिया तेजी से बदल रही है, और अगर हम छोटे उद्योगों की क्षमता बढ़ाएं, तो इस प्रतिस्पर्धा का फायदा उठा सकते हैं।
इसके अलावा, स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय परिषद की बैठक 9 और 10 मार्च को रायपुर में होगी। इसमें वैश्विक व्यापार युद्ध (ट्रेड वार) की स्थिति में स्वदेशी को बढ़ावा देने के अवसरों पर विचार किया जाएगा।
भारत दुनिया में अधिक भरोसेमंद देश
मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन का कहना है कि मौजूदा वैश्विक माहौल में भारत दुनिया के लिए एक भरोसेमंद देश बनकर उभर रहा है। इससे निवेश के नए मौके मिलेंगे और अब तक प्रतिबंधित रहे कुछ कच्चे उत्पादों के आयात का रास्ता भी खुलेगा। आत्मनिर्भर भारत अभियान की वजह से देश ने विनिर्माण के क्षेत्र में अपनी क्षमता को काफी बढ़ाया है।