जॉर्डन में एक भारतीय नागरिक की हत्या का मामला सामने आया है, जिसने एक बार फिर से भारतीयों की विदेशों में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सतीशन ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह मृतक के शव को भारत वापस लाने का खर्च उठाए और इस घटना की गहन जांच कराए।
क्या हुआ था जॉर्डन में?
जॉर्डन में हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में केरल के रहने वाले गेब्रियल नामक भारतीय नागरिक की मौत हो गई। गेब्रियल औ उनके रिश्तेदार एडिसन सहित चार लोग टूरिस्ट वीजा पर जॉर्डन गए थे। उन्होंने वहां कानूनी तौर पर 3 महीने का स्टे परमिट हासिल किया था। हालांकि, 10 फरवरी को जॉर्डन-इजरायल सीमा पर जॉर्डन की सेना ने उन पर गोलीबारी कर दी। इस गोलीबारी में गेब्रियल की मौत हो गई, जबकि एडिसन गंभीर रूप से घायल हो गए।
कांग्रेस नेता ने क्या कहा?
वीडी सतीशन ने विदेश मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि गेब्रियल का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और उनके लिए शव को वापस लाने का खर्च उठाना मुश्किल है। उन्होंने कहा, “शोक संतप्त परिवार को उसके शव को वापस लाने के लिए कुछ खर्च उठाने के लिए कहा गया है। हालांकि, वे बेहद तकलीफ में हैं और आर्थिक रूप से इन खर्चों को उठाने में असमर्थ हैं।” सतीशन ने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार जॉर्डन में भारतीय दूतावास को गेब्रियल के शव को समय पर वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दे। उन्होंने इस घटना की गहन जांच कराने की भी मांग की।
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गेब्रियल और एडिसन सहित चार लोग एक एजेंट की मदद से जॉर्डन से इजरायल की सीमा पार करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, जॉर्डन की सेना ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक लिया। जब वे भागने की कोशिश कर रहे थे, तो सैनिकों ने उन पर गोलियां चला दीं। गेब्रियल को सिर में गोली लगी, जिससे उनकी मौत हो गई, जबकि एडिसन के पैर में गोली लगी। एडिसन को जॉर्डन के अस्पताल में इलाज के बाद भारत वापस भेज दिया गया।
परिवार को कब मिली जानकारी?
गेब्रियल के परिवार को उनकी मौत की जानकारी 1 मार्च को भारतीय दूतावास की ओर से एक ई-मेल के जरिए मिली। इस ई-मेल में उनकी मौत की पुष्टि की गई थी। परिवार ने बताया कि गेब्रियल और एडिसन वैध टूरिस्ट वीजा पर जॉर्डन गए थे और उन्होंने कानूनी तौर पर 3 महीने का स्टे परमिट हासिल किया था।
क्या है सरकार की जिम्मेदारी?
इस घटना ने एक बार फिर से विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने कहा कि यह घटना गंभीर चिंता का विषय है और इसकी जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह मृतक के शव को वापस लाने का खर्च उठाए और परिवार को इस दुखद घटना में हर संभव मदद प्रदान करे।
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