नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने स्टेशनों पर भीड़ और अव्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। अब देश के 60 बड़े रेलवे स्टेशनों पर कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को ही प्लेटफॉर्म पर प्रवेश मिलेगा। इसके अलावा, स्थायी वेटिंग एरिया बनाए जाएंगे, जहां यात्री अपनी ट्रेन के आने तक इंतजार कर सकेंगे।
NDLS भगदड़ के बाद उठाए सख्त कदम
प्रयागराज में हुए महाकुंभ के दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी, जिसमें कई लोगों की जान गई थी। इस घटना के बाद रेलवे ने हाई-लेवल बैठक कर भीड़भाड़ वाले स्टेशनों पर सख्त नियंत्रण लागू करने का फैसला किया। बता दें कि नई दिल्ली, आनंद विहार, वाराणसी, अयोध्या और पटना स्टेशन पर इस योजना का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इस नई व्यवस्था से प्लेटफॉर्म पर अनावश्यक भीड़ को रोका जा सकेगा और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
स्टेशनों पर रहेगा एक्सेस कंट्रोल और वेटिंग एरिया
अब 60 बड़े रेलवे स्टेशनों पर एक्सेस कंट्रोल व्यवस्था लागू की जाएगी। केवल कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को ही प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति मिलेगी, जबकि अन्य यात्रियों को वेटिंग एरिया में इंतजार करना होगा। इससे बिना टिकट या वेटिंग टिकट वालों की आवाजाही प्लेटफॉर्म पर नहीं हो सकेगी। इस नए नियम से स्टेशन पर भीड़भाड़ कम होगी और अव्यवस्था पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
नए फुट ओवर ब्रिज और रैंप की सुविधा
भीड़ नियंत्रण के लिए रेलवे ने दो नए डिजाइन के फुट ओवर ब्रिज तैयार किए हैं, जिनकी चौड़ाई 40 फीट और 20 फीट होगी। महाकुंभ के दौरान इनका सफलतापूर्वक इस्तेमाल हुआ था, इसलिए अब इनका निर्माण इन 60 स्टेशनों पर भी किया जाएगा। इससे यात्रियों को सुविधाजनक और सुरक्षित आवाजाही का अनुभव मिलेगा।
Today, a high-level meeting was held headed by Minister of Railways Ashwini Vaishnaw on crowd control at stations. The following decisions have been taken:
● Based on the experiences of the previous festive season and the Maha Kumbh, permanent waiting areas will be created…— ANI (@ANI) March 7, 2025
स्टेशन डायरेक्टर समेत वॉर रूम की तैनाती
बड़े रेलवे स्टेशनों पर वॉर रूम बनाए जाएंगे, जहां से कैमरों की मदद से भीड़ की स्थिति की निगरानी की जाएगी। इसके अलावा, प्रत्येक बड़े स्टेशन पर एक स्टेशन डायरेक्टर की नियुक्ति होगी, जिसे वित्तीय अधिकार भी दिए जाएंगे। स्टेशन डायरेक्टर यह तय करेगा कि स्टेशन की क्षमता के अनुसार कितनी टिकटें बेची जानी चाहिए। इससे भीड़ नियंत्रण में सहायता मिलेगी और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
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