Jaguar Fighter Plane Crash Today: हरियाणा के पंचकूला जिले में भारतीय वायु सेना (IAF) का एक जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त (IAF Plane Crash) हो गया है। यह विमान अंबाला एयरबेस से प्रशिक्षण उड़ान के लिए रवाना हुआ था। गनीमत यह रही कि हादसे के दौरान पायलट समय रहते इजेक्ट करने में सफल रहा और सुरक्षित बच गया।
A Jaguar aircraft of the IAF crashed at Ambala during a routine training sortie today after encountering a system malfunction. The pilot manoeuvred the aircraft away from any habitation on the ground before ejecting safely. An inquiry has been ordered by the IAF to ascertain the… pic.twitter.com/ZtJtWDz4oc
— ANI (@ANI) March 7, 2025
मोरनी के पास पहाड़ी क्षेत्र में गिरा विमान
घटना पंचकूला के पहाड़ी क्षेत्र मोरनी के बालदवाला गांव के पास हुई। विमान के दुर्घटनाग्रस्त होते ही आसपास के गांवों में अफरा-तफरी मच गई। हालांकि, राहत की बात यह है कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है।
वायुसेना ने दिए जांच के आदेश
भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। स्थानीय पुलिस और प्रशासन भी मौके पर पहुंचकर हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
A Jaguar aircraft of the IAF crashed at Ambala, during a routine training sortie today, after encountering system malfunction. The pilot maneuvered the aircraft away from any habitation on ground, before ejecting safely.
An inquiry has been ordered by the IAF, to ascertain the…
— Indian Air Force (@IAF_MCC) March 7, 2025
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
IAF के जगुआर विमानों के दुर्घटनाग्रस्त (IAF Plane Crash) होने की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। यह विमान मुख्य रूप से ग्राउंड अटैक और रणनीतिक हमलों के लिए जाना जाता है। भारतीय वायुसेना के बेड़े में इनकी संख्या काफी सीमित हो चुकी है, क्योंकि इन्हें धीरे-धीरे हटाया जा रहा है।
स्थानीय प्रशासन की रही मुस्तैदी
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और राहत टीमें मौके पर पहुंच गईं। अधिकारियों ने कहा कि दुर्घटनास्थल से किसी तरह की संपत्ति को नुकसान पहुंचने की खबर नहीं है।
SEPECAT जगुआर विमान कि खाशियत
SEPECAT जगुआर एक ब्रिटिश-फ़्रेंच संयुक्त रूप से विकसित सुपरसोनिक जेट अटैक एयरक्राफ्ट है, जिसे विशेष रूप से नज़दीकी हवाई सहायता (Close Air Support) और परमाणु हमले की भूमिका के लिए डिजाइन किया गया था। यह विमान ब्रिटिश रॉयल एयर फ़ोर्स (RAF) और फ़्रेंच एयर फ़ोर्स (Armée de l’Air) की सेवा में रहा है और अपनी बहुमुखी क्षमताओं के कारण कई सैन्य अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है।
यह भी पढ़ें:
अब यूं ही नहीं चढ़ सकेंगे ट्रेन में! जानें क्राउड मैनेजमेंट को लेकर रेलवे की नई गाइडलाइंस
जानिए भारत के किस शहर में खुलने वाला है Tesla का पहला शोरूम, कितना होगा किराया?