Syria Civil War: सीरिया में एक बार फिर गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों और सरकार समर्थित सुरक्षा बलों के बीच हिंसक संघर्ष में दो दिन में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। यह संघर्ष सीरिया में 14 साल की सबसे घातक घटनाओं में से एक माना जा रहा है। इस हिंसा में महिलाओं को निर्वस्त्र कर गोली मारने जैसे जघन्य अपराध भी सामने आए हैं, जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है।
क्या है मामला?
सीरिया में 8 दिसंबर 2023 को राष्ट्रपति बशर अल-असद की सत्ता चली गई थी। उनके बाद विद्रोही गुट हयात तहरीर-अल-शाम (HTS) ने सत्ता संभाल ली थी। तख्तापलट के तीन महीने बाद सुरक्षा बलों और असद समर्थकों के बीच संघर्ष शुरू हो गया है। इस संघर्ष में अब तक एक हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 745 आम नागरिक, 125 सुरक्षा बलों के जवान और 148 असद समर्थक शामिल हैं।
महिलाओं के साथ बढ़ता जघन्य अपराध
इस संघर्ष के दौरान सबसे चौंकाने वाली घटनाओं में से एक महिलाओं के साथ हुई बर्बरता है। स्थानीय मीडिया और गवाहों के अनुसार, सरकार समर्थित बंदूकधारियों ने महिलाओं को गोली मारने से पहले उनके कपड़े उतारे और उन्हें निर्वस्त्र घुमाया। एक गवाह ने बताया, “महिलाओं को घर से निकाला गया। उनके कपड़े उतरवाए गए। उन्हें निर्वस्त्र घुमाया गया। फिर उनके ही परिवार के एक लड़के को राइफल थमाकर उन्हें गोली मारने को मजबूर किया।” यह घटना सीरिया में मानवाधिकारों के हनन की एक और काली दास्तां है।
अलावी समुदाय को बनाया जा रहा निशाना
इस संघर्ष में अलावी समुदाय के लोगों को खास तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। अलावी समुदाय को पूर्व राष्ट्रपति असद का समर्थक माना जाता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि बंदूकधारियों ने लोगों से रोककर उनका धर्म पूछा और फिर मार डाला। अलावी समुदाय से जुड़े एक शख्स ने बताया, “बंदूकधारियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की। लोगों के घरों और दरवाजों पर गोलियां बरसाईं। फिर घरों से निकालकर लोगों को मार डाला। उनके घर लूट लिए और फिर घरों में आग लगा दी।
बिजली और पानी की सप्लाई ठप
इस संघर्ष के बाद सीरिया के कई हिस्सों में बिजली और पानी की सप्लाई ठप पड़ गई है। बनियास और लातकिया जैसे शहरों में अलावी बहुल इलाकों में बिजली और पानी की सप्लाई को काट दिया गया है। इससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। सीरियाई संसद में अलावी समुदाय से जुड़े लेबानानी सांसद हैदर नासेर ने बताया कि लोग डरकर सीरिया छोड़कर लेबनान जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बहुत से लोग हमीमिम में रूसी एयरबेस पर शरण लिए हुए हैं।
क्यों बिगड़े हालात?
सीरिया में यह संघर्ष तब शुरू हुआ, जब सरकार समर्थित मुस्लिम बंदूकधारियों ने अलावी समुदाय के लोगों का कत्लेआम शुरू किया। इसका ‘बदला’ लेने के लिए अलावी समुदाय के लोग भी इनसे भिड़ गए। अलावियों को पूर्व राष्ट्रपति असद का समर्थक माना जाता है। असद सरकार में अलावी समुदाय के लोगों को बहुत फायदा मिलता था। उन्हें सरकार में बड़े पदों पर रखा जाता था और सेना में बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी जाती थीं। लेकिन तख्तापलट के बाद हालात बदल गए हैं और अलावियों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है।
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