बीते 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस था और इस मौके पर देशभर में महिलाओं के अधिकारों, उनकी सुरक्षा और सम्मान को लेकर चर्चाएं हुई हैं। लेकिन इसी बीच महाराष्ट्र से एक ऐसी खबर आई है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की महिला शाखा ने एक ऐसी मांग की है, जो सुनने में थोड़ी अजीब लग सकती है, लेकिन इसके पीछे की वजह बेहद गंभीर है।
क्या है मांग?
NCP की महिला शाखा ने महिलाओं को एक हत्या करने की छूट देने की मांग की है। जी हां, आपने सही सुना! पार्टी की महिला शाखा की अध्यक्ष रोहिणी खडसे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखकर यह मांग की है। उन्होंने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों और हिंसा को देखते हुए उन्हें एक हत्या करने पर सजा में छूट मिलनी चाहिए।
क्यों उठाई गई ये मांग?
रोहिणी खडसे ने अपने पत्र में लिखा है कि महिलाएं दमनकारी मानसिकता, दुष्कर्म की मानसिकता और निष्क्रिय कानून-व्यवस्था से तंग आ चुकी हैं। उन्होंने हाल ही में मुंबई में हुए 12 साल की लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना का भी जिक्र किया। खडसे ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं और ऐसे में उन्हें खुद की सुरक्षा करने का अधिकार मिलना चाहिए।
महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल
NCP की इस मांग के पीछे का मकसद सिर्फ महिलाओं को एक हत्या करने की छूट देना नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधना भी है। पार्टी ने कहा है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है और महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। पार्टी ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि भारत महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देशों में से एक है।
राष्ट्रपति को लिखा गया पत्र
रोहिणी खडसे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में कहा है कि महिलाएं अब और अत्याचार सहने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने लिखा, “हम सभी महिलाओं की तरफ से एक हत्या करने पर सजा में छूट की मांग कर रहे हैं।” उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति इस मांग पर गंभीरता से विचार करेंगी और इसे स्वीकार करेंगी।
क्या है पार्टी का मकसद?
NCP की इस मांग का मकसद महिलाओं को एक हत्या करने की छूट देना नहीं है, बल्कि यह महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाने का एक तरीका भी है। पार्टी का कहना है कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है और सरकार इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। इसलिए, यह मांग उठाई गई है ताकि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीरता से विचार किया जा सके।
महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध
पिछले कुछ सालों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में काफी वृद्धि हुई है। घरेलू हिंसा, दुष्कर्म, अपहरण और यौन उत्पीड़न जैसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे में NCP की यह मांग एक तरह से महिलाओं को खुद की सुरक्षा करने का अधिकार देने की मांग है।
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