Roshni Nadar: HCL टेक्नोलॉजीज की चेयरपर्सन रोशनी नादर मलहोत्रा रातोंरात एशिया की सबसे अमीर महिला बन गई हैं। दरअसल उनके पिता और HCL ग्रुप के संस्थापक शिव नादर ने कंपनी में अपनी 47% हिस्सेदारी उन्हें ट्रांसफर कर दी है। इसके बाद रोशनी नादर भारत की चौथी सबसे अमीर व्यक्ति बन गई हैं। उनकी तुलना अब मुकेश अंबानी, गौतम अडानी और सावित्री जिंदल जैसे बड़े उद्योगपतियों से की जा रही है। आइए जानते हैं कि रोशनी नादर कौन हैं और क्यों उन्हें भारत के सबसे अमीर लोगों में गिना जा रहा है।
रोशनी नादर कैसे बन गईं एशिया की सबसे अमीर बिजनेसवुमेन?
शिव नादर ने 6 मार्च 2025 को HCL कॉर्प और वामा दिल्ली में अपनी 47% हिस्सेदारी रोशनी नादर मलहोत्रा (roshni nadar) को ट्रांसफर कर दी। इस ट्रांसफर के बाद रोशनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज और HCL इन्फोसिस्टम्स में सबसे बड़ी शेयरहोल्डर बन गई हैं। यह कदम HCL ग्रुप के नेतृत्व में बड़ा बदलाव लाएगा और रोशनी को कंपनी का नियंत्रण मिल जाएगा।
रोशनी के नाम क्यों हुई HCL?
यह ट्रांसफर शिव नादर परिवार की लंबी अवधि की उत्तराधिकार योजना का हिस्सा है। HCL की फाइलिंग में कहा गया है कि यह कदम परिवार के स्वामित्व और नियंत्रण की निरंतरता सुनिश्चित करता है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने रोशनी मलहोत्रा को ओपन ऑफर से छूट दे दी है, जिससे शेयरों का सुचारु रूप से ट्रांसफर संभव हो सका।
रोशनी नादर ने पढ़ाई कहां से की?
रोशनी नादर मलहोत्रा ने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से कम्युनिकेशंस में डिग्री हासिल की है और केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से MBA किया है। वह 2020 से ही HCL टेक्नोलॉजीज की चेयरपर्सन हैं। इससे पहले, वह HCL कॉर्पोरेशन की CEO और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में काम कर चुकी हैं।
समाजसेवा में भी सक्रिय रही हैं रोशनी
रोशनी नादर न केवल एक सफल बिजनेस लीडर हैं, बल्कि समाजसेवा में भी सक्रिय हैं। वह शिव नादर फाउंडेशन से जुड़ी हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है। इसके अलावा, वह द हैबिटैट्स ट्रस्ट के साथ भी जुड़ी हुई हैं, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों के लिए समर्पित है।
कैसे HCL ने कमाया यह मुकाम?
HCL की शुरुआत 1976 में शिव नादर और उनके पांच दोस्तों ने एक गैरेज से की थी। तब वह कैलकुलेटर और माइक्रोप्रोसेसर बनाते थे। बता दें कि आज HCL भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक है। 2020 में शिव नादर ने कंपनी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया और यह जिम्मेदारी अपनी बेटी रोशनी नादर मलहोत्रा को सौंप दी।
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