उत्तरी सागर में एक खौफनाक हादसा हो गया। ईस्ट यॉर्कशायर के तट से करीब 10 मील दूर एक तेल टैंकर और मालवाहक जहाज की जबरदस्त टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों जहाज आग का गोला बन गए। इस हादसे में कई लोगों के हताहत होने की खबर है। अब तक 32 लोगों को बचाकर ग्रिम्सबी के तट पर लाया गया है। हादसे के बाद उत्तरी सागर में बचाव अभियान तेज कर दिया गया है।
टैंकर और कार्गो शिप में कैसे हुई टक्कर?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह टक्कर लंगर डालते समय हुई। टैंकर का नाम स्टेना इमैक्युलेट बताया जा रहा है। शिपिंग कंपनी ने पुष्टि की है कि टैंकर पर सवार सभी चालक दल के सदस्य सुरक्षित हैं। हालांकि, जहाज से निकल रहा घना धुआं और भीषण आग की तस्वीरें काफी डरावनी हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, हादसे के तुरंत बाद लाइफबोट और तटरक्षक हेलीकॉप्टर को राहत कार्य के लिए भेज दिया गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। समुद्री तटरक्षक बल, हेलीकॉप्टर और लाइफबोट्स की मदद से बचाव अभियान चलाया जा रहा है। चश्मदीदों के मुताबिक, आग इतनी भयानक थी कि जहाजों से लपटें और धुआं दूर से ही नजर आ रहे थे।
दूसरा बड़ा समुद्री हादसा
ये हाल के दिनों में समुद्र में हुआ दूसरा बड़ा हादसा है। कुछ ही दिन पहले यमन और जिबूती के बीच भी बड़ा हादसा हुआ था, जब चार नाव डूब गई थीं। इन नावों में प्रवासी सवार थे, जिनमें से 180 से ज्यादा लोग लापता हो गए थे। संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने इसे दुनिया के सबसे खतरनाक प्रवासी रास्तों में से एक बताया था।
यमन-जिबूती हादसा क्यों हुआ?
यमन और जिबूती के बीच का समुद्री रास्ता प्रवासियों के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। खासतौर पर इथियोपिया के प्रवासी इस रास्ते का इस्तेमाल खाड़ी देशों में नौकरी की तलाश या संघर्ष से बचने के लिए करते हैं। IOM के अनुसार, साल 2024 में इस रास्ते से करीब 60,000 प्रवासी यमन पहुंचे, जिनमें से 558 की मौत हो चुकी है।
समुद्री सुरक्षा पर उठे सवाल
उत्तरी सागर और यमन-जिबूती हादसे के बाद समुद्री सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। समुद्री यातायात को लेकर सख्त नियमों की मांग बढ़ रही है। समुद्र में लगातार हो रहे हादसों से यह सवाल उठता है कि आखिर सुरक्षा मानकों में कहां चूक हो रही है?
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