Holi 2025 Date: होली का पर्व नजदीक आ रहा है। लेकिन अभी भी तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। होली 14 मार्च को मनाई जाएगी या फिर 15 मार्च को, इसको लेकर अभी भी कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। कुछ जगहों पर होली (Holi 2025 Date) स्थानों 14 मार्च को मनाए जाने की बात कही जा रही है तो कुछ जगह 15 मार्च को। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से होली की तिथि को लेकर जो भ्रम की स्थिति बन रही है उसको दूर करने का प्रयास करेंगे।
लखनऊ स्थित महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं राकेश पाण्डेय ने बताया की होली (Holi 2025 Date) सनातन धर्म का एक विशिष्ट सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक पर्व है। आध्यात्म का अर्थ है मनुष्य का ईश्वर से सम्बन्ध होना या स्वयं का स्वयं के साथ संबंधित होना। इसलिए होली मानव का परमात्मा से एवं स्वयं से स्वयं के साक्षात्कार का पर्व है। होली रंगों का त्योहार है। रंग सिर्फ प्रकृति और चित्रों में ही नहीं हमारी आंतरिक ऊर्जा में भी छिपे होते हैं ।
कब है इस वर्ष होली?
ज्योतिषाचार्य राकेश पाण्डेय ने बताया की इस वर्ष होलिका पूजन व दहन 13 मार्च गुरुवार (Holika Dahan) को होगा। उन्होंने बताया कि 13 मार्च रात 10:40 तक भद्रा है। इसके बाद ही होलिका दहन किया जाएगा। वहीं 14 मार्च को काशी क्षेत्र में होली मनाई जाएगी। काशी के अलावा अन्य जगहों पर होली 15 मार्च, दिन शनिवार को मनाया जाना शुभ प्रद है।
होली (Holi 2025) के दिन अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग प्रकार से इसे मनाने का विधान है। परन्तु सर्वसम्मत से अपने से बड़े व छोटे सबको अबीर-गुलाल लगाकर प्रणाम करना, गले मिलना व मिठाई बाटने की परंपरा और साथ ही रंग भी एक दूसरे के ऊपर डालने का विधान है। जो प्रेम सौहार्द व आत्मीयता का प्रतीक है।
क्या करें होलिका दहन के दिन?
फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा गुरुवार को सायं काल पहले से बनाई गयी होलिका के पास दक्षिण दिशा में एक कलश रखकर पंच देवताओं की पूजा कर ‘ॐ होलिकायै नमः’ मन्त्र पढ़ते हुए होलिका का भी पंचोपचार पूजन करके उनका दहन करें। यह पर्व हिरण्यकश्यप की बहन होलिका के मरने के पश्चात से ही मनाया जा रहा है। यह सत्य की विजय व अत्याचारी के दमन का प्रतीक है ।
क्या करें मनोकामना पूर्ति के लिए?
वैसे तो महादेव की आराधना से हमें मनोवांछित फल मिलता है किन्तु होली के दिन भगवान महादेव की पूजा करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती है। यदि आपके या आपके किसी सेज-संबंधी के विवाह में अवरोध आ रहा है तो होली के दिन सुबह एक साबुत पान के पत्ते पर साबुत सुपारी तथा हल्दी की गांठ रखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं और बिना पीछे मुड़कर देखे वापस घर लौट जाएं। अगले दिन भी इसी प्रयोग को करें, इससे जल्दी ही विवाह योग बनता है।
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