होली से पहले आम जनता के लिए अच्छी खबर, 7 महीने के निचले स्तर पर पहुंची रिटेल महंगाई दर

Retail Inflation Rate: पिछले कई सालों से बढ़ती महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ रखी है। हालांकि, होली से पहले लोगों को थोड़ी राहत मिली है, क्योंकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) पर आधारित भारत की खुदरा महंगाई इस साल फरवरी में घटकर 3.61 रह गई है। यह दर जनवरी 2025 में 4.31 प्रतिशत थी। यह आरबीआई के दायरे (4 फीसदी) से भी कम है। इसका कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट होना है। इसकी वजह से महंगाई पिछले 7 महीने के निचले स्तर पर आ गई है।

बता दें कि अर्थशास्त्रियों ने जो आंकड़े बताए थे, सरकारी आंकड़ें उनसे काफी बेहतर हैं। दरअसल, इकोनॉमिस्‍ट ने ज्‍यादा अनुमान लगाया था। अब, सरकार ने जो आंकड़ें जारी किए हैं, उनके अनुसार जनवरी 2025 की तुलना में फरवरी 2025 की खुदरा महंगाई में 65 आधार अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में पिछले 7 महीने यानी जुलाई 2024 के बाद यह साल-दर-साल सबसे कम महंगाई दर है।

कौन-कौन सी चीज

 

कौन-कौन सी चीजें हुईं सस्ती?

खुदरा महंगाई कम हुई है, तो जाहिर है कि चीजों की कीमतों में गिरावट आई है। बता दें कि टमाटर, प्‍याज, आलू और हरी सब्जियों के दाम में गिरावट देखी गई है। इसके अलावा, कंज्‍यूमर प्रोडक्‍ट्स और अन्य खाद्य कीमतों में भी गिरावट देखी गई है। NSO ने इस गिरावट का कारण बताते हुए कहा कि सब्जियों, मांस और मछली व डेयरी प्रोडक्ट्स की कीमतों में गिरावट होने के कारण फरवरी में महंगाई और खाद्य कीमतों में कटौती हुई है।

क्‍यों कम हुई महंगाई?

महंगाई में गिरावट का एक बड़ा कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी का होना है। बता दें कि फरवरी में खाद्य महंगाई दर मई 2023 के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। यह जनवरी के मुकाबले 222 बेसिस पॉइंट्स कम है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

इस महंगाई दर के कम होने पर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे न केवल आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि इससे निवेश और उपभोक्ता खर्च में भी बढ़ोतरी हो सकती है। दरअसल, जब व्यक्ति के पास बचत होती है, तो वह कहीं अन्य जगह इन्वेस्ट होती ही है। तो यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी एक अच्छा संकेत है।

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