औरंगजेब विवादः महाराष्ट्र में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद गहरा गया है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र को तोड़ने का ऐलान किया है। इसके बाद प्रशासन ने कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवानों को तैनात कर दिया गया है। VHP और बजरंग दल ने महाराष्ट्र सरकार को धमकी दी है कि अगर कब्र हटाने में देरी हुई, तो वे ‘कारसेवा’ करेंगे।
#WATCH | Maharashtra | Security heightened near Aurangzeb’s Tomb in Chhatrapati Sambhajinagar
Vishwa Hindu Parishad and Bajrang Dal have demanded the state government that Aurangzeb’s Tomb should be removed.
(Earlier visuals) pic.twitter.com/o4MC8i61TO
— ANI (@ANI) March 16, 2025
वहीं औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद ने महाराष्ट्र में तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है। वीएचपी और बजरंग दल के ऐलान के बाद प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। महाराष्ट्र सरकार को इस मामले में संवेदनशील और संतुलित रुख अपनाने की आवश्यकता है, ताकि सांप्रदायिक तनाव न फैले।आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
वीएचपी-बजरंग दल ने कर दिया बड़ा ऐलान
विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र को तोड़ने का ऐलान किया है। इन संगठनों का कहना है कि औरंगजेब एक क्रूर शासक था, जिसने हिंदुओं पर अत्याचार किए। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दी कि अगर कब्र हटाने में देरी हुई, तो वे ‘कारसेवा’ करेंगे। इसके बाद से ही कब्र को लेकर विवाद तेज हो गया है। वहीं तेलंगाना से BJP के विधायक टी राजा ने भी औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की है। पुणे के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘पहले महाराष्ट्र का हिंदू यह पूछता था कि इतना अत्याचार करने वाले औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र की धरती पर क्यों है? लेकिन आज पूरे भारत का हिंदू पूछ रहा है कि औरंगजेब की कब्र क्यों बनी हुई है?’
#WATCH | Speaking at an event in Maharashtra’s Pune yesterday, Telangana BJP MLA T Raja Singh said, “…The Hindus in Maharashtra want that Aurangzeb’s grave should be erased from the state…Kab tutegi Aurangzeb ki kabr?..I have only resolve now – to make India a ‘Hindu Rashtra’… pic.twitter.com/hpgUeV65pC
— ANI (@ANI) March 17, 2025
प्रशासन की मुस्तैदी, हाइ अलर्ट पर प्रशासन
वीएचपी और बजरंग दल के ऐलान के बाद प्रशासन ने औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी है। छत्रपति संभाजीनगर में कब्र के आसपास स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स (SRPF) को तैनात किया गया है। कब्र तक जाने वाली सड़क पर नाकाबंदी की गई है और हर व्यक्ति की जांच की जा रही है। दो सीनियर इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों को 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात किया गया है।
महाराष्ट्र सरकार का रुख
महाराष्ट्र सरकार ने औरंगजेब की कब्र हटाने के पक्ष में अपनी सहमति जताई है। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक कदम नहीं उठाया गया है। VHP और बजरंग दल ने सरकार को धमकी दी है कि अगर कब्र हटाने में देरी हुई, तो वे खुद कार्रवाई करेंगे। इसके चलते सरकार और हिंदूवादी संगठनों के बीच तनाव बढ़ गया है।
#WATCH | Maharashtra | Security deployed at Aurangzeb’s Tomb in Chhatrapati Sambhajinagar
Vishwa Hindu Parishad and Bajrang Dal have demanded the state government that Aurangzeb’s Tomb should be removed. pic.twitter.com/eWBHpI7HiW
— ANI (@ANI) March 17, 2025
औरंगजेब की कब्र का इतिहास
इतिहासकारों के मुताबिक, औरंगजेब चाहते थे कि उनकी कब्र उनके गुरु सैयद जैनुद्दीन शिराजी की कब्र के बगल में हो। इसलिए औरंगजेब की मौत के बाद उसके बेटे आजम शाह ने खुल्दाबाद में उसकी कब्र बनवाई थी। खुल्दाबाद शहर छत्रपति संभाजी नगर से 25 किलोमीटर दूर है। औरंगजेब मुगल साम्राज्य का अंतिम शक्तिशाली शासक था, जिसने 49 साल तक शासन किया। उसके शासनकाल को हिंदुओं पर अत्याचार और धार्मिक असहिष्णुता के लिए जाना जाता है। हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि औरंगजेब की कब्र हटाना ऐतिहासिक न्याय की दिशा में एक कदम होगा।
मामले पर आ रहीं राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। कुछ राजनीतिक दलों ने वीएचपी और बजरंग दल के ऐलान का समर्थन किया है, जबकि कुछ ने इसे सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश बताया है। NCP(शरद पवार) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने इस कदम की आलोचना करते हुए सवाल किया, ‘क्या रावण का जिक्र किए बिना रामायण का वर्णन करना या अफजल खान के बिना प्रतापगढ़ की लड़ाई का वर्णन करना संभव है?’ बात दें कि इस मामले को लेकर अब सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति बन गई है।
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