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Aditya-L1 Mission Live Updates: भारत ने अंतरिक्ष में रचा इतिहास, मंजिल लैग्रेंज प्वाइंट-1 पर पहुंचा आदित्य एल-1, PM Modi ने दी बधाई

Aditya-L1 Mission Live Updates

Aditya-L1 Mission Live Updates: इसरो द्वारा लॉन्च किया गया आदित्य एल1 अपने गंतव्य तक पहुंच गया है। इससे भारत अब सूर्य का अध्ययन कर सकेगा। आदित्य एल-1 (Aditya-L1) अब एल-1 पॉइंट पर पहुंच गया है। सूर्य के L-1 बिंदु को हेलो ऑर्बिट कहा जाता है। आपको बात दें कि 2 सितंबर, 2023 को इसरो ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल-1 (Aditya-L1) को अंतरिक्ष में लॉन्च किया था।

सूर्य का अध्ययन कैसे ?

आदित्य एल1 (Aditya-L1) के पास सात पेलोड हैं। इनमें से चार पेलोड सीधे सूर्य का अध्ययन करेंगे। बाकी तीन पर्यावरण का अध्ययन करेंगे। इसरो वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्रहण काल ​​के दौरान भी सूर्य का अध्ययन करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. सूर्य एक तारा है. इसके कारण सूर्य पर लगातार विस्फोट होते रहते हैं। लेकिन इनमें से किसी भी विस्फोट का इस यान पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ये अंतरिक्ष यान इसरो को सूर्य के कई रहस्यों से पर्दा उठाने में मदद करेगा।

Aditya-L1 Mission

सूर्य की पहली छवि फरवरी या मार्च में उपलब्ध होगी

फरवरी या मार्च में आदित्य-एल1 को सूर्य की पहली छवि मिलेगी। VELC को भारतीय खगोलभौतिकी संस्थान द्वारा विकसित किया गया है। इसरो के सूर्य मिशन में स्थापित वीईएलसी सूर्य की एचडी तस्वीरें लेगा। एल1 की यात्रा पूरी करने के बाद, आदित्य के सभी पेलोड सक्रिय हो जाएंगे। यानी इसमें लगे सभी डिवाइस एक्टिवेट हो जाएंगे। इसके बाद आदित्य सूर्य का अध्ययन करना शुरू कर देंगे। इस बीच, इसरो ये भी परीक्षण करेगा कि आदित्य पर लगे सभी उपकरण ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। आदित्य एल-1 में एक विशेष तंत्र तैयार किया गया है ताकि यान किसी भी स्थिति में सूर्य की कक्षा में रह सके। आदित्य एल-1 (Aditya-L1) को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, ये सूर्य के बहुत करीब नहीं जाएगा, बल्कि ऑरेंज प्वाइंट पर रुकेगा और सूर्य पर शोध करेगा। आदित्य एल-1 एक तरह से स्पेस टेलीस्कोप है, जो अंतरिक्ष में खास तरीके से काम करेगा।

Aditya-L1

आदित्य-एल1 को लैग्रेंज प्वाइंट पर भेजा

लैग्रेंज पॉइंट्स (Lagrange points) का नाम इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ लुईस लैग्रेंज (Italian-French mathematician Joseph Louis Lagrange) के नाम पर रखा गया है। सूर्य और पृथ्वी के बीच पांच लैग्रेंज बिंदु हैं। इसे इसमें से L1 पर भेज दिया गया है. पृथ्वी से L1 की दूरी करीब 1.5 मिलियन यानी 15 लाख किलोमीटर है. यानी आदित्य-एल1 को धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर भेजा गया है.

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