AI Surgery: ब्लड क्लॉट हटाने के लिए डॉक्टरों ने इस्तेमाल की AI तकनीक…, मेदांता अस्पताल में 62 साल के मरीज को हार्ट अटैक से बचाया
AI Surgery: अस्पतालों में भी Artificial Intelligence (AI) तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल कर सर्जरी करने में डॉक्टर भी सफल हुए हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर खून का थक्का जमने वाले मरीज की सफल सर्जरी की गई है। देश में पहली बार एआई तकनीक (AI Technology) से फेफड़ों में खून के थक्के की सर्जरी सफल रही है। पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) से पीड़ित 62 वर्षीय मरीज का गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में एआई टेक्नोलॉजी द्वारा सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया है। इस बीमारी में फेफड़ों में खून के थक्के (blood clots form in the lungs) बन जाते हैं।
रक्त के थक्कों की सफल एआई सर्जरी
हरियाणा के गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में 62 वर्षीय एक मरीज के फेफड़ों और पैर की गहरी नसों में खून के थक्के जम गए थे, जिसका इलाज कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक (Artificial Intelligence Technology) का उपयोग करके किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, मेदांता ऐसी तकनीक अपनाने वाला देश का पहला अस्पताल बन गया है। मेदांता हॉस्पिटल के चेयरमैन और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेश त्रेहन (Medanta Hospital Chairman and Cardiologist Dr. Naresh Trehan) ने किया है.
पल्मोनरी एम्बोलिज्म से पीड़ित मरीज की एआई सर्जरी
हाल के दिनों में देश में दिल के दौरे की घटनाएं बढ़ रही हैं। युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक कई लोगों को दिल का दौरा पड़ने की बात सामने आई है। इसका मुख्य कारण शरीर में खून के थक्के बनना है। इससे रक्त प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता और दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ जाता है। डॉ. नरेश त्रेहन (Dr. Naresh Trehan) ने बताया कि मेदांता अस्पताल में अन्य बीमारियों के इलाज के लिए एआई तकनीक (AI Technology) का इस्तेमाल पिछले साल जुलाई में शुरू किया गया था. अब तक एआई तकनीक से 25 मरीजों का ऑपरेशन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से कम से कम रक्तस्राव होता है और मरीज जल्दी ठीक हो जाता है. उन्होंने ये भी कहा कि भविष्य में एआई तकनीक के जरिए पल्मोनरी एम्बोलिज्म से पीड़ित मरीजों का बेहतर इलाज संभव हो सकेगा.
एआई तकनीक के माध्यम से सर्जरी में जोखिम में कमी
pulmonary embolism disease में, फेफड़े के धमनी (Pulmonary Artery) में रक्त के थक्के बन जाते हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा कि एआई तकनीक के जरिए छाती और धमनियों को खोले बिना रक्त के थक्कों को आसानी से हटाया जा सकता है। इस प्रक्रिया में 15 मिनट का समय लगता है. पहले, इसके लिए बड़े ऑपरेशन की आवश्यकता होती थी और खतरे की संभावना ज्यादा थी। लेकिन, इस सर्जरी में खतरे की संभावना अपेक्षाकृत कम है, ऐसा डॉक्टर ने कहा…
सफल सर्जरी के बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई
पायलट नरेंद्र सिंह (Narendra Singh a pilot) को सांस लेने में तकलीफ, अचानक पैर में दर्द और सूजन के कारण आपातकालीन कक्ष में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में उनका इलाज किया गया. डॉ. तरूण ग्रोवर (Dr Tarun Grover) के अनुसार, “पेनम्ब्रा फ्लैश (Penumbra Flash) 12F कैथेटर का उपयोग करके रक्त के थक्कों को हटा दिया गया। जटिल नसों को नेविगेट किया गया और एआई तकनीक का उपयोग करके रक्त के थक्कों को हटा दिया गया। इससे मरीज को तुरंत राहत मिल गई। सफल सर्जरी के बाद मरीज को छुट्टी दे दी गई है और आगे के इलाज के लिए मरीज को 48 दिन बाद जांच के लिए बुलाया गया है।
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