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AI Voice Call Scam: रिश्तेदार की आवाज़ निकालकर हजारों रुपये ऐंठ रहे Scammers, इस Cyber Fraud से कैसे बचें ?

AI Clone Voice Call Fraud

AI Voice Call Scam: आपके पास किसी रिश्तेदार या दोस्त का कॉल आता है, वो आपसे कुछ पैसे मांगते हैं, आप दे देते हैं। इस तरह आप ठगी के शहिकार हो जाते हैं। क्योंकि वो AI से बदली हुई आवाज होती है, आजकल ये काफी ज्यादा फैल रहा है। दिल्ली और लखनऊ में ऐसे केस सामने या चुके हैं। ये स्कैम कैसे होते हैं और आपको इनसे कैसे बचना चाहिए ?

लोगों के साथ ये ठगी कैसे हुई ?

बात करें दिल्ली की तो इस केस में विक्टिम के सामने फेक आवाज निकाली गई. स्कैमर्स ने विक्टिम को बताया कि तुम्हारे भाई के बेटे को किडनैप कर लिया है और आखिर में वो 50 हजार रुपये के साइबर फ्रॉड का शिकार हो गया.

दूसरा मामला है लखनऊ का… 25 साल के युवक को एक कॉल आया, जिसकी आवाज उसके एक रिश्देदार जैसी थी. इसके बाद उन्होंने कुछ रुपये मांगे और UPI से ट्रांसफर करने को कहा, आखिर में वो लगभग 45 हजार रुपये की ठगी का शिकार हो गया.

आधे से ज्यादा केस AI Voice Scam के…

साइबर सिक्योरिटी फर्म Mcafee का हाल ही में एक सर्व सामने आया था. इस सर्वे में दावा किया कि भारतीयों के साथ होने वाले साइबर फ्रॉड में आधे से ज्यादा केस AI Voice Scam से जुड़े हैं, जिसकी हिस्सेदारी उनहत्तर प्रतिशत की है. एक सर्वे ने दर्शाया है कि 47 प्रतिशत भारतीय ऐसे व्यक्तियों की संख्या है, जिन्होंने साइबर फ्रॉड का शिकार बनाया है या फिर उन्होंने इसके बारे में सुना है।

हमेशा 5 सावधानियां बरतें

ए.आई. वॉयस स्कैम के मामले में साइबर ठग मासूम लोगों को धोखा देने के लिए अपनी आवाज बदलते हैं, उनके किसी रिश्तेदार की तरह आवाज जेनरेट करते हैं। इसके बाद कई लोग धोखा खा जाते हैं। इस पर, मैं आज आपको कुछ खास सुरक्षा टिप्स के बारे में बताने जा रही हूँ, जिनसे आप अपने आपको ए.आई. वॉयस स्कैम से सुरक्षित रख सकते हैं।

  1. रुपये भेजने से पहले क्रॉस चेक करें: ए.आई. वॉयस स्कैम (AI Voice Scam) में ठग अक्सर नंबर बदलकर कॉल करते हैं और रुपयों की मांग करते हैं। इससे किडनैपिंग से लेकर EMI भरने तक के झांसे का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए रुपये भेजने से पहले क्रॉस चेक करना महत्वपूर्ण है।
  2. किडनैपिंग के मामले में कॉल करें: अगर किडनैपिंग का आरोप लगाने वाला किसी को देखा जाता है, तो चिंता न करें, बल्कि ठीक तारीके से काम लें और उस व्यक्ति के नंबर पर कॉल करें। अगर उस नंबर से कोई जवाब मिलता है, तो सच्चाई सामने आ सकती है।
  3. लंबे समय तक बात करने की कोशिश करें: साइबर ठग ए.आई. की मदद से डुप्लीकेट वॉयस उत्पन्न करते हैं, इसलिए ध्यान रखें कि आप कुछ देर तक बातचीत करने की कोशिश करें। यह आपको फर्जी और असली को पहचानने में मदद कर सकता है।
  4. मैकेनिज्म साउंड का ध्यान रखें: एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि कई बार ए.आई. वॉयस चेंजर के प्रोसेस में मैकेनिज्म साउंड होता है। इसलिए आपको इस मैकेनिज्म साउंड पर ध्यान देना चाहिए, ताकि आप फर्जी कॉल को पहचान सकें।
  5. पैनिक ना हों, थोड़ा सब्र करें: यदि किडनैपिंग या पैसे की मांग का डर दिखाया जाता है, तो पैनिक मत करें। सबसे पहले उस व्यक्ति की जानकारी को क्रॉस चेक करें और सच्चाई को जानने के लिए कुछ समय निकालें।

इस तरह, आप इन सुरक्षा उपायों का पालन करके खुद को ऐसे साइबर फ्रॉड से बचा सकते हैं और कभी भी किसी अनजान व्यक्ति के कॉल पर यकीन न करें।

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