Minority status for Kashmiri Hindus

कश्मीरी हिंदुओं को मिलेगा अल्पसंख्यक दर्जा? AKIS ने सरकार के सामने रखी ये मांग!

अखिल भारतीय कश्मीरी समाज (AIKS) के अध्यक्ष रविंदर पंडिता ने 3 फरवरी 2025 को नई दिल्ली में अल्पसंख्यक और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से मुलाकात की। इस दौरान संगठन ने राज्य के अल्पसंख्यकों को आधिकारिक रूप से अल्पसंख्यक का दर्जा देने और उनसे जुड़े लाभ उपलब्ध कराने की मांग की। AIKS ने अपनी मांगों को लेकर मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा।

जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक आयोग बनाने की मांग  

रविंदर पंडिता के अनुसार, मंत्री ने कहा कि यह विडंबना है कि कश्मीरी हिंदू जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक हैं, जबकि पूरे देश में वे बहुसंख्यक समुदाय का हिस्सा हैं। ऐसा सिर्फ जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य राज्यों में भी देखा जाता है।

मंत्री ने अखिल भारतीय कश्मीरी समाज (AIKS) द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान दिया, जिनमें जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक आयोग बनाने और कश्मीरी हिंदुओं को अल्पसंख्यक घोषित करने की मांग शामिल थी। इसके अलावा, इस चर्चा में अंकुर शर्मा की याचिका का भी जिक्र हुआ, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेश और न्यायमूर्ति वेंकटचलैया की NHRC रिपोर्ट का हवाला दिया गया।

कश्मीरी हिंदुओं को अल्पसंख्यक घोषित करें 

AIKS के अध्यक्ष रविंदर पंडिता ने कहा कि मंत्री को पहले भी NCM के साथ हुई कई बैठकों और उनकी सिफारिशों की जानकारी दी गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि अनुच्छेद 370 हटने और जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के बाद यह मुद्दा और ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है।

POK में स्थित शारदा पीठ को खोलने का आग्रह 

पंडिता ने कहा, “हमने सरकार से आग्रह किया कि जिस तरह करतारपुर कॉरिडोर शुरू किया गया, उसी तरह POK में स्थित शारदा पीठ को भी फिर से खोला जाए। जब प्रतिनिधिमंडल ने यह मुद्दा मंत्री के सामने रखा, तो उन्होंने सुझाव दिया कि इस पर एक बड़े समूह को मिलकर चर्चा करनी चाहिए। मंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि वह गृह मंत्रालय के साथ बैठक करवाने में मदद करेंगे।”

 

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