दिल्ली में प्रदूषण

राजधानी में फिर बढ़ा वायु प्रदूषण का स्तर, इन सभी चीजों पर लगेगा प्रतिबंध, 5 वीं तक हाइब्रिड मोड पर चलेंगी क्लास

राजधानी दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से वायु प्रदूषण ने हालात बिगाड़ दिया है। राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में ग्रैप-3 लागू किया गया है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली में हवा की धीमी गति और मौसम की परिस्थितियों की वजह से एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। जिसकी वजह से ग्रैप-3 लागू करना पड़ा है।

दिल्ली में AQI पहुंचा 351

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक दिल्ली में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है और पूसा क्षेत्र में तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस और आयानगर क्षेत्र में 4.1 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है। वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक सुबह नौ बजे दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 351 दर्ज किया गया है। आईएमडी के मुताबिक अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद है।

हाइब्रिड मोड पर चलेंगे स्कूल

बता दें कि ग्रैप- 3 के तहत दिल्ली-एनसीआर में पांचवीं क्लास तक के स्कूल हाइब्रिड मोड पर चलेंगे। वहीं साथ ही दिल्ली रजिस्टर्ड छोटे मालवाहक गाड़ियों पर रोक रहेगी। इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े मालवाहक गाड़ियों को ही छूट मिलेगी। इस दौरान बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल गाड़ी पर प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों की ऑफिस टाइमिंग में बदलाव करने का फैसला ले सकती है। ग्रैप-3 के तहत दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर के स्कूल, पांचवीं कक्षा तक के स्कूल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही मोड में चलेंगे।

कैसे लागू होते हैं ग्रैप के प्रतिबंध?

अब सवाल ये है कि ग्रैप के प्रतिबंध कैसे लागू होते हैं। बता दें कि वायु गुणवत्ता को चार चरणों में बांटा गया है। पहला चरण, एक्यूआई 201 और 300 (खराब श्रेणी) के बीच होने पर लागू किया जाता है जबकि दूसरा चरण एक्यूआई 301 और 400 (बहुत खराब) के बीच, तीसरा चरण एक्यू 401 और 450 (गंभीर श्रेणी) के बीच, और चौथा चरण एक्यूआई 450 से ऊपर (अति गंभीर) होने पर लागू किया जाता है।

लगेगा इतने का जुर्माना

बता दें कि BS-3 पेट्रोल या BS-4 डीजल कारों को चलाकर GRAP मानदंडों का उल्लंघन करने पर 20,000 रुपये का ट्रैफिक जुर्माना लगाया जा सकता है। वहीं यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि जांच से बचने के लिए, वाहन मालिकों को वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र भी साथ रखना होगा। ऐसा नहीं करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है।