India-US relations

अमेरिकी NSA जेक सुलिवन का भारतीय दौरा, इन अहम विषयों पर हुई चर्चा

भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) अजीत डोभाल ने सोमवार को नई दिल्ली में अमेरिकी एनएसए जेक सुलिवन से मुलाकात की। इस बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने एक साझा बयान जारी किया। बैठक में खास तौर पर रक्षा, साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। यह मुलाकात भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

स्पेस टेक्नोलॉजी और रक्षा क्षेत्रों को और मजबूती 

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) सुलिवन ने हाल ही में मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) के तहत मिसाइल निर्यात नीति में बाइडेन प्रशासन के किए गए बदलावों पर जानकारी दी। इन बदलावों से भारत और अमेरिका के बीच कॉमर्शियल स्पेस टेक्नोलॉजी और रक्षा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे दोनों देशों के बीच स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में साझेदारी और मजबूत होगी।

शांतिपूर्ण परमाणु परियोजनाओं को देंगे बढ़ावा

अमेरिका और भारत की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करते हुए, एनएसए सुलिवन ने भारतीय परमाणु संस्थानों पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की। इसका उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच सिविल न्यूक्लियर सहयोग को आगे बढ़ाना है। इस कदम से न केवल शांतिपूर्ण परमाणु परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दोनों देशों की स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति भी मजबूत होगी, जो उनकी भविष्य की ऊर्जा योजनाओं का एक अहम हिस्सा है।

इन महत्वपूर्ण विषयों पर हुई चर्चा 

भारत और अमेरिका के बीच उच्च स्तरीय बातचीत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, कम्युनिकेशन और समुद्री सुरक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। यह बातचीत मई 2022 में क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान शुरू हुई “महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी” (आईसीईटी) पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के आपसी हितों वाले क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाना है।

24 मई 2022 को टोक्यो में हुए क्वाड शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जोसेफ बाइडेन ने भारत-अमेरिका पहल (आईसीईटी) की शुरुआत की। यह पहल खासतौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर, कम्यूनिकेशन, डिफेंस और स्पेस जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए है। इसके बाद, दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने इन महत्वपूर्ण तकनीकी क्षेत्रों में कई ठोस कदम उठाए हैं।

नियमों को हटाने पर जोर

आईआईटी दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान सुलिवान ने कहा कि अमेरिका जल्द ही उन पुराने नियमों को हटाने के लिए कदम उठा रहा है, जो भारत की प्रमुख परमाणु इकाइयों और अमेरिकी कंपनियों के बीच असैन्य परमाणु सहयोग में रुकावट बने हुए थे।

सुलिवान ने यह भी बताया कि भारत की उनकी यह यात्रा, एनएसए के रूप में उनकी आखिरी विदेश यात्रा हो सकती है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल का समापन करने के लिए उन्हें इससे बेहतर मौका नहीं मिल सकता था।

 

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