संसद का शीतकालीन सत्र तो खत्म हो चुका है, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर राजनीति अभी भी जारी है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने बहुजन समाज पार्टी के आंदोलन और प्रदर्शन के बीच विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। मंगलवार को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी पर आंबेडकर को लेकर कई आरोप लगाए है।
आकाश आनंद ने राहुल और प्रियंका गांधी द्वारा नीले रंग के कपड़े पहनने पर प्रतिक्रिया दी, साथ ही अरविंद केजरीवाल के उस वीडियो को लेकर भी नाराजगी जताई जिसमें एक एआई वीडियो के जरिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर उन्हें आशीर्वाद देते नजर आ रहे थे।
फैशन शो बना दिया नीली क्रांति को
सोशल मीडिया साइट एक्स पर आकाश ने लिखा, ‘बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर करोड़ों शोषित, वंचित और गरीब लोगों के लिए भगवान के समान हैं। लेकिन आजकल उनके नाम का इस्तेमाल सिर्फ वोटों के लिए किया जा रहा है, जो एक फैशन सा बन गया है। पहले गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में उनका अपमान किया, फिर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने हमारी नीली क्रांति को एक फैशन शो बना दिया और अब अरविंद केजरीवाल ने बाबा साहेब की छवि के साथ खिलवाड़ किया। देश के दलित, शोषित और वंचित वर्ग के आत्म-सम्मान के लिए बीएसपी का मिशन जारी रहेगा। अमित शाह को इसके लिए पश्चाताप करना होगा।’
कांग्रेस ने आंबेडकर का हमेशा किया विरोध
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस हमेशा बाबा साहब अंबेडकर का विरोध करती थी। जो कांग्रेस संविधान का सम्मान नहीं करती, जिसने आपातकाल लगाया, वही आज बाबा साहब की अनुयायी बन रही है, यह बहुत ही अजीब लगता है।’
अमित शाह ने अपने भाषण में आंबेडकर पर क्या कहा था?
इस विवाद की शुरुआत 17 दिसंबर को अमित शाह के संसद में दिए एक भाषण से हुई। राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने जवाहरलाल नेहरू की कैबिनेट में डॉ. आंबेडकर के इस्तीफे का ज़िक्र किया। करीब डेढ़ घंटे के अपने भाषण में, एक घंटे और सात मिनट के आसपास, अमित शाह ने कहा, ‘आजकल एक ट्रेंड बन गया है… आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर। अगर कोई भगवान का नाम इस तरह लेता, तो उसे सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’
उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हमें तो खुशी है कि आप आंबेडकर जी का नाम लेते हैं। आप आंबेडकर जी का नाम अब सौ बार ज्यादा लें, लेकिन मैं यह बताना चाहता हूं कि आंबेडकर जी के प्रति आपका दृष्टिकोण क्या है। आंबेडकर जी ने देश की पहली कैबिनेट से क्यों इस्तीफा दिया, यह मैं बताता हूं।’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि आंबेडकर ने कई बार यह जताया था कि वह अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ हो रहे भेदभाव से खुश नहीं थे। उन्होंने सरकार की विदेश नीति पर भी असहमति जताई थी और अनुच्छेद 370 के बारे में भी उनका मत अलग था। आंबेडकर को कुछ वादे किए गए थे, लेकिन जब वे पूरे नहीं हुए, तो उन्होंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
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