मीरापुर उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की रैली को लेकर एक बड़ा घटनाक्रम हुआ। शुक्रवार को अखिलेश यादव लखनऊ से प्राइवेट विमान से गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पहुंचे थे, जहां उन्हें मीरापुर विधानसभा में होने वाली अपनी चुनावी जनसभा को संबोधित करना था। लेकिन, हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने की अनुमति नहीं मिली और अखिलेश की रैली रद्द हो गई। आखिर क्या हुआ और क्यों नहीं उड़ा अखिलेश का हेलीकॉप्टर? आइए जानते हैं पूरा मामला।
हेलीकॉप्टर को क्यों नहीं मिली उड़ान भरने की अनुमति?
अखिलेश यादव का हेलीकॉप्टर गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से मीरापुर के लिए उड़ान भरने वाला था, लेकिन खराब मौसम और एयरफोर्स की प्रैक्टिस की वजह से यह उड़ान रद्द हो गई। हेलीकॉप्टर को लेकर कई घंटे इंतजार करने के बावजूद जब हालात नहीं बने, तो अखिलेश यादव को गाजियाबाद एयरपोर्ट पर ही रुकना पड़ा।
यहां तक कि सपा ने इसकी आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि हेलीकॉप्टर को हिंडन एयरपोर्ट से उड़ने की अनुमति ही नहीं दी गई। इस वजह से अखिलेश की रैली काकरोली गांव में नहीं हो पाई, जो पहले से निर्धारित थी।
रोड शो के जरिए होगा प्रचार
अब जब रैली रद्द हो गई, तो अखिलेश यादव ने अपना तरीका बदलते हुए रोड शो करने का निर्णय लिया है। सपा के जिला अध्यक्ष जिया चौधरी ने जानकारी दी कि अखिलेश यादव अब 18 नवंबर को मीरापुर विधानसभा क्षेत्र में रोड शो और रथ यात्रा का नेतृत्व करेंगे। इस रोड शो के जरिए वे सुम्बुल राणा के पक्ष में चुनावी प्रचार करेंगे, जो मीरापुर से सपा की उम्मीदवार हैं।
दरअसल, मीरापुर में उपचुनाव 20 नवंबर को होने हैं, और सपा यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उनका उम्मीदवार सुम्बुल राणा इस चुनावी जंग में जीत हासिल करें। रोड शो का यह फैसला चुनावी प्रचार के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है।
एक दिन पहले राहुल गांधी का भी हुआ था हेलीकॉप्टर विवाद
अखिलेश यादव के हेलीकॉप्टर के रुकने का मामला अकेला नहीं है। इससे ठीक एक दिन पहले, शुक्रवार को झारखंड में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का हेलीकॉप्टर भी क्लीयरेंस के लिए करीब 45 मिनट तक इंतजार करता रहा था। राहुल गांधी के हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई थी, और कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के कारण यह देरी हुई थी।
कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया था कि पीएम मोदी की सभा की वजह से राहुल गांधी को क्लीयरेंस नहीं दिया गया। इस देरी के दौरान राहुल गांधी एयरपोर्ट पर ही लोगों से मिलते रहे, फोटो खिंचवाते रहे और बातें करते रहे।
मीरापुर में सपा का सियासी घमासान
सपा की इस रैली को लेकर राजनीति तेज हो गई है। बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों ने अखिलेश यादव की रैली रद्द होने को लेकर सवाल उठाए हैं। हालांकि सपा ने इसे पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित कदम बताया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव को जानबूझकर परेशान किया गया है, ताकि उनका चुनावी प्रचार प्रभावित हो।
अब 18 नवंबर को जब अखिलेश यादव रोड शो करेंगे, तो देखना होगा कि इस बदलाव से सपा को कितना फायदा होता है और मीरापुर उपचुनाव में इसका क्या असर पड़ता है। मीरापुर के मतदाता यह तय करेंगे कि सड़क पर दिखने वाली सपा की ताकत, रैली से ज्यादा प्रभावी साबित होती है या नहीं।
मीरापुर उपचुनाव पर सपा की नजर
मीरापुर उपचुनाव सपा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह सीट बीजेपी और सपा के बीच कांटे की टक्कर का मैदान बनने वाली है। सपा के लिए यह उपचुनाव एक सियासी प्रतिष्ठा का सवाल भी बन चुका है, क्योंकि अगर सपा यहां हारती है तो यह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए उनकी संभावनाओं पर असर डाल सकता है।
इसलिए, सपा इस उपचुनाव को लेकर कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती है और यही वजह है कि हेलीकॉप्टर के नहीं उड़ने के बावजूद रोड शो के जरिए अखिलेश यादव ने प्रचार करने का फैसला किया।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सपा की रणनीति, रोड शो और प्रचार का तरीका मीरापुर उपचुनाव में किस तरह का असर डालता है। क्या सपा का यह कदम जीत दिलाएगा या फिर यह भी बीजेपी के खिलाफ एक और राजनैतिक शिकार बन जाएगा?