समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत के उस बयान की कड़ी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने भारतीयों से हफ्ते में 80 से 90 घंटे काम करने की सलाह दी थी। अखिलेश ने इस सलाह को अव्यावहारिक और मानवीय जीवन के प्रति संवेदनहीन बताया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि काम की गुणवत्ता (क्वालिटी) मायने रखती है, न कि सिर्फ घंटों की संख्या (क्वांटिटी)।
प्रिय यंग एम्प्लॉयीज़
जो लोग एम्प्लॉयीज़ को 90 घंटे काम करने की सलाह दे रहे हैं कहीं वो इंसान की जगह रोबोट की बात तो नहीं कर रहे हैं क्योंकि इंसान तो जज़्बात और परिवार के साथ जीना चाहता है।
और आम जनता का सवाल ये भी है कि जब अर्थव्यवस्था की प्रगति का फ़ायदा कुछ गिने चुने लोगों…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 3, 2025
‘लोगों को परिवार व जज्बातों के साथ जीने का हक’
अखिलेश यादव ने कहा कि लोगों के जीवन में संतुलन जरूरी है। लोग अपने परिवार और जज्बातों के साथ जीना चाहते हैं। जब आर्थिक विकास का फायदा केवल कुछ लोगों को ही मिलना है, तो अर्थव्यवस्था चाहे 30 ट्रिलियन डॉलर की हो या 100 ट्रिलियन डॉलर की, इससे आम लोगों को क्या फर्क पड़ता है?” उन्होंने यह भी कहा कि एंटरटेनमेंट और फिल्म इंडस्ट्री अर्थव्यवस्था में अरबों रुपये का योगदान देती है, जो लोगों को तरोताजा महसूस कराती है और उनकी काम की गुणवत्ता में सुधार लाती है।
‘क्या युवावस्था में 90 घंटे काम करते थे वे?’
अखिलेश ने 90 घंटे काम करने की सलाह देने वालों से सवाल किया कि क्या वे खुद अपनी युवावस्था में इतना काम करते थे? उन्होंने कहा, “अगर वे वाकई अपनी युवावस्था में 90 घंटे काम करते थे, तो हमारी अर्थव्यवस्था अब तक यहीं तक क्यों पहुंची?” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं पर अत्यधिक दबाव डालने से उनकी रचनात्मकता और उत्पादकता प्रभावित हो सकती है।
‘हेल्थी एनवायरनमेंट ज्यादा जरूरी’
अखिलेश यादव ने कहा कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए संतुलित जीवनशैली जरूरी है। उन्होंने कहा, “एक स्वस्थ और संतुलित वातावरण युवाओं में रचनात्मकता और उत्पादकता को बढ़ावा देता है, जिससे एक बेहतर राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर युवाओं को मानसिक रूप से स्वस्थ रखा जाए, तो वे बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं और देश के विकास में योगदान दे सकते हैं।
अमिताभ कांत ने क्या कहा था?
नीति आयोग के पूर्व CEO अमिताभ कांत ने कहा था कि भारत को 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए भारतीयों को हफ्ते में 80 से 90 घंटे काम करना चाहिए। उन्होंने कहा था, “मैं कड़ी मेहनत पर विश्वास करता हूं। अगर आपकी महत्वाकांक्षा 4 ट्रिलियन डॉलर से 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की है, तो आप किसी फिल्म स्टार के विचारों को फॉलो करके ऐसा नहीं कर सकते।”
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