Amalaki Ekadashi 2024 Date: आमलकी एकादशी के दिन क्यों कि जाती है आवंले के पेड़ की पूजा? जानें इसके पीछे की वजह
Amalaki Ekadashi 2024 Date: सनातन धर्म में सभी एकादशी व्रत (Amalaki Ekadashi 2024 Date) का खास और अलग महत्व बताया गया है। लेकिन इन सभी एकादशी व्रतों में आमलकी एकादशी व्रत काफी महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस व्रत को करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। आमलकी एकादशी का व्रत फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आमलकी एकादशी के दिन आवंले के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है। कहा जाता है कि आंवले के पेड़ में देवी-देवताओं का वास होता है। आइए आज हम आपको बताएंगे कि क्या है आमलकी एकादशी:-
आमलकी एकादशी के दिन क्यों होती है आवंले की पूजा:-
आमलकी का अर्थ आवंला होता है। आमलकी एकादशी का जिक्र वेद पुराणों में भी किया गया है।माना जाता है कि भगवान विष्णु ने इस दिन आंवले को आदि वृक्ष के रूप में लगाया था और इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के साथ आवंले के पेड़ की पूजा करना भी बेहद शुभ माना जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन आवंले के पेड़ की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं पौराणिक ग्रंथों के अनुसार आमलकी एकादशी के दिन ही भगवान शिव शादी के बाद पहली बार माता पार्वती को काशी लेकर आए थे। बता दें कि इस आमलकी एकादशी के दिन काशी में बाबा विश्वनाथ के साथ गुलाल की होली खेली जाती है इस वजह से इस एकादशी को रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है।
आमलकी एकादशी तिथि और शुभ मुहूर्त:-
इस साल आमलकी एकादशी का व्रत 20 मार्च 2024 को रखा जाएगा। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 20 मार्च 2024 की सुबह 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन यानी 21 मार्च 2024 की सुबह 02 बजकर 22 मिनट समाप्त होगी। यह पहली ऐसी एक एकादशी है जिसमें भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की भी पूजा की जाती है। वहीं इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। साथ ही व्रत पारण का समय 21 मार्च 2024 को दोपहर 01 बजकर 41 मिनट से लेकर शाम को 04 बजकर 07 मिनट तक रहेगा।