Lok Sabha Election 2024: राजस्थान। लोकसभा चुनाव-2024 के पहले व दूसरे चरण के मतदान के बाद अब लोगों की निगाहें फलोदी सट्टा बाजार की ओर मुड़ने लगी हैं। इसके चलते केंद्र व राज्य में किस पार्टी की कितनी सीटें आएंगी और कौन चुनाव जीत कर सत्ता हासिल करेगा, इसे लेकर सट्टा बाजार के ट्रेंड पर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी निगाहें जमा लीं हैं। खासकर राजस्थान का फलौदी सट्टा बाजार जो इस तरह के चुनावी विशेषज्ञों और सट्टेबाजों के लिए प्रसिद्ध है, राजनीतिक दलों की अपनी ओर दिलचस्पी लेने के लिए मजबूर कर रहा है। चुनावों के बाद अब किसको कितनी सीटें मिलने जा रहीं हैं, इस तरह के अपने आंकलन के लिए फलोदी सट्टा बाजार में अभी से बोलियां लगनी शुरू हो गईं हैं।
राजस्थान फर्स्ट ने यहां पहुंचकर इनसाइड स्टोरी जानने की कोशिश की। पता लगाया गया कि आखिर सट्टा बाजार के विशेषज्ञ इन चुनावों का क्या आंकलन कर रहे हैं। किस राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत मिल रहा है और कौन चुनाव जीत रहा है। साथ ही किसके खाते में हार है और किसके खाते में जीत, इसके बारे में भी जानने की कोशिश की गई। देश ही नहीं विदेशों में भी चर्चित फलोदी सट्टा बाजार के लोगों से भी जब हमने लोकसभा चुनावों के बारे में पूछा तो चौंकाने वाले जवाब दिए।
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एक सट्टेबाज ने अपनी पहचान छुपाने की शर्त पर बताया कि प्रदेश के पहले चरण व दूसरे चरण में भाजपा को 20 से 21 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, केंद्र में भारतीय जनता पार्टी को 310 से 311 और एनडीए को 350 से 355 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। कुछ और सीटों को लेकर जब सट्टा बाजार के विशेषज्ञों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नागौर से हनुमान बेनीवाल की जीत पक्की बताई जा रही है जबकि बाड़मेर से चर्चा में रहे रविंद्र सिंह भाटी डेढ़ रुपये के भाव पर चल रहे हैं यानि वह चुनाव हार रहे हैं।
लोकसभा क्षेत्र जोधपुर की बात की गई तो सट्टा बाजार विशेषज्ञों ने बताया कि मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत के 25 से 35 पैसे के भाव पर बंपर जीत होने की संभावना है। एक अन्य सवाल के जवाब में सटोरियों ने बताया कि जालौर से वैभव चुनाव हार रहे हैं। अपने सटीक आंकलन से प्रसिद्ध फलौदी सट्टा बाजार के लोगों ने बताया कि प्रदेश में भाजपा को बढ़त मिलने के साथ ही केंद्र में मोदी सरकार काबिज होने जा रही है। हालांकि भाजपा का 400 पार का नारा इस बार भी सिर्फ नारा ही रह जाएगा।