केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछा और कई मुद्दों पर तीखे बयान दिए। इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर का जिक्र करते हुए इंदिरा गांधी के एक बयान का हवाला दिया, जो सावरकर को लेकर था। अमित शाह ने कहा कि इंदिरा गांधी ने सावरकर को लेकर जो कुछ कहा, उसे कांग्रेस के लोग भूल चुके हैं।
इंदिरा गांधी ने सावरकर को ‘महान देशभक्त’ कहा था
अमित शाह ने बताया कि सावरकर के निधन के बाद इंदिरा गांधी ने एक पत्र में लिखा था कि सावरकर एक महान देशभक्त थे। उनका यह बयान उस वक्त भी था जब कांग्रेस पार्टी में उनकी आलोचना करने वालों की कमी नहीं थी। गृह मंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी ने सावरकर को भारत का “असाधारण पुत्र” भी बताया था। उन्होंने यह भी कहा कि सावरकर का सम्मान सिर्फ इसलिए नहीं था क्योंकि वे किसी पार्टी से जुड़े थे, बल्कि उनका बलिदान और देशभक्ति ही उनकी असली पहचान थी।
अमित शाह ने कांग्रेस को याद दिलाया कि इंदिरा गांधी ने सावरकर के योगदान को हमेशा सराहा था, लेकिन आज वही कांग्रेस उन्हीं के खिलाफ बयानबाजी कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सावरकर के नाम के आगे जो ‘वीर’ शब्द जुड़ा है, वह किसी पार्टी का नहीं, बल्कि भारतीय जनता का दिया हुआ है।
सावरकर का सम्मान क्यों जरूरी है?
अमित शाह ने कहा, “क्या देश के लिए बलिदान देना किसी कानून से जुड़ा हो सकता है?” उनका कहना था कि सावरकर का सम्मान देशभक्ति और समर्पण की मिसाल के तौर पर किया जाना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक चश्मे से। उन्होंने यह भी कहा कि सावरकर के योगदान को नकारना और उनके प्रति आलोचना करना देश के महान नायकों के योगदान को छोटा करने जैसा है।
कांग्रेस पर गरीबी हटाओ का झूठा नारा और अनुच्छेद-370 का कच्चा चिट्ठा
सावरकर के बाद अमित शाह ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 75 साल तक “गरीबी हटाओ” का नारा दिया, लेकिन असल में कांग्रेस की नीतियों ने देश के गरीबों की हालत और भी खराब की। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने गरीबों के लिए जो काम किया, वह कांग्रेस के “गरीबी हटाओ” के नारे से कहीं ज्यादा असरदार था।
इसके बाद, उन्होंने अनुच्छेद-370 को लेकर कांग्रेस को घेरा। शाह ने कहा कि कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को एक नाजायज संतान की तरह अपनी गोदी में पाल रखा था। लेकिन जब मोदी सरकार ने इसे खत्म किया, तो विपक्ष ने दावा किया था कि इससे खून की नदियां बह जाएंगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आज शांति है और किसी की भी हिम्मत नहीं है कि वह वहां अशांति फैलाने की कोशिश करे।
कांग्रेस को दी चुनौती
अमित शाह ने कांग्रेस को सीधा चुनौती दी कि वह सावरकर के योगदान पर नए सिरे से विचार करे और अपने पुराने विचारों को बदले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह समझना होगा कि सावरकर जैसे महान व्यक्ति को नकारना देश के इतिहास के साथ अन्याय करना है।
गृह मंत्री का यह बयान न केवल सावरकर के सम्मान की बात करता है, बल्कि कांग्रेस की नीतियों और उनके ऐतिहासिक दृष्टिकोण पर भी सवाल उठाता है। यह हमला कांग्रेस के लिए एक संदेश था कि सावरकर और उनके जैसे नायकों का सम्मान करना हमारे राष्ट्रीय गौरव का हिस्सा है।